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हैरतअंगेज करतब आैर झांकी रहती है आकर्षण का केंद्र
धनबाद: रामनवमी आते ही फिजा में अखाड़े का शोर गूंजने लगता है. कहीं लाठी डंडे तो कहीं तलवार भांजे जाते हैं. पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र से लैस होकर खिलाड़ी अखाड़ा में उतरते हैं. हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं. व्यवसायी समिति हीरापुर हटिया अखाड़ा दल का इतिहास आजादी के पहले का है. दल के उपाध्यक्ष राजा बाबू बताते हैं […]
धनबाद: रामनवमी आते ही फिजा में अखाड़े का शोर गूंजने लगता है. कहीं लाठी डंडे तो कहीं तलवार भांजे जाते हैं. पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र से लैस होकर खिलाड़ी अखाड़ा में उतरते हैं. हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं. व्यवसायी समिति हीरापुर हटिया अखाड़ा दल का इतिहास आजादी के पहले का है. दल के उपाध्यक्ष राजा बाबू बताते हैं कि वर्ष 1946 में अखाड़ा दल की स्थापना हीरापुर हटिया के व्यवसायियों ने की थी. तब से आज तक निरंतर अखाड़ा दल अपने खेेल कौशल के लिए कोयलांचल में जाना जाता है. अब तक कई अवार्ड जीत चुका है.
इन्होंने की थी स्थापना : रामधनी साव, मुरली साव, साधु साव, बालकृष्ण साव सभी स्वर्गीय बजरंगी साव आदि.
मोहक झांकी रहती है आकर्षण का केंद्र : अखाड़ा दल में करतब के साथ ही मोहक झांकी आकर्षण का केंद्र होती है. दल के सदस्यों के बच्चे राम-लक्ष्मण, सीता, हनुमान जी का वेश बनाते हैं. इनके द्वारा मोहक झांकी निकाली जाती है, जो हटिया काली मंदिर से निकल कर हरि मंदिर पहुंचती है. भक्तों की भीड़ इनका अभिवादन करती है. हरि मंदिर में अखाड़ा देखने के लिए पुरुषों बच्चों के साथ महिलाएं भी आती हैं. महिलाओं के लिए बैठने की अलग व्यवस्था होती है.
नीरज सिंह को दी श्रद्धांजलि: अखाड़ा दल के सदस्यों ने कांग्रेस नेता व पूर्व डिप्टी मेयर स्वर्गीय नीरज सिंह को श्रद्धांजलि दी. दल के उपाध्यक्ष राजा बाबू ने कहा नीरज भैया अखाड़ा में हमेशा आते थे. खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते थे. मौके पर सचिव मनोरंजन सिंह, कोषाध्यक्ष नागो साव, गुड्डू सौंडिक, रवि, विक्की, कन्हैया, शंकर, संजय सिंह, अजय पाठक, मंटु साव, अमित साव, सुमित, प्रमोद सौडिंक आदि मौजूद थे.
बुजुर्गों को किया जाता है सम्मानित
अखाड़ा दल द्वारा कोयलांचल के बुजुर्गों को सम्मानित किया जाता है. सम्मान कार्यक्रम महावीर मंदिर हटिया में किया जाता है. दल अब तक कंपीटीशन में कई अवार्ड जीत चुका है. विश्व हिंदू परिषद द्वारा स्टेशन में आयोजित कंपीटीशन में आठ बार प्रथम व चिल्ड्रेन पार्क में दो बार द्वितीय पुरस्कार पा चुका है.
सुबह चार बजे होती है पूजा
रामनवमी के दिन सुबह चार बजे हनुमान जी के ध्वज की विशेष पूजा की जाती है. पूजा कर उनसे आग्रह किया जाता है कि अखाड़ा का प्रदर्शन सही सलामत हो. 11 बजे से पूजा अर्चना प्रारंभ होती है. पूजा की समाप्ति के बाद भक्तों के बीच महाप्रसाद वितरित किया जाता है. संध्या चार बजे से हरि मंदिर में अखाड़ा प्रारंभ होता है.
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