शोध संस्थानों के विकास पर ही उसका भविष्य निर्भर करता है. इसके लिए उसे नियमित रूप से अहम परियोजनाओं पर काम करते हुए अपनी उपयोगिता सिद्ध करनी होती है. कोयलांचल का सिंफर देश भर के शोध संस्थानों के शीर्ष निकाय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के तहत कार्य करता है. बीते वित्तीय वर्ष उसने लाभ अर्जित कर उम्मीद जगायी है.
धनबाद : केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) कमाई के मामले में देश का नंबर वन लैब बन गया है. आज इस लैब की आंतरिक आय दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है. दो लैब का विलय कर सिंफर की स्थापना दो अप्रैल 2007 को की गयी थी.
रविवार को संस्थान का 10वां स्थापना दिवस मनाया जायेगा. शनिवार को सिंफर के मुख्य वैज्ञानिक सह स्थापना दिवस समारोह के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सिंह, सचिव डॉ सीएन घोष, एचआरडी प्रमुख डॉ इश्तियाक अहमद ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 1958 में संस्थान की बाहरी स्रोत से कमाई एक लाख रुपये थी.
जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 की समाप्ति पर सिंफर की आय दो सौ करोड़ रुपये हुई थी. पूरे देश में सीएसआइआर के जितने भी लैब हैं, उसमें आंतरिक आय के मामले में सिंफर सबसे उपर है. कहा इस वर्ष सीएसआइआर का 75वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. जबकि सिंफर का 10वां. इसे यादगार बनाया जा रहा है. रविवार को कई कार्यक्रम आयोजित होंगे.