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जिस्म के दाग दिखा बोले आरोपित मारपीट कर गुनाह कबूल कराया

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में जेल भेजे गये एक नामजद व दो अप्राथमिकी अभियुक्तों ने पुलिस अफसरों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. पीएमसीएच अस्पताल व कोर्ट परिसर में तीनों ने अपने-अपने जख्म दिखाये. चारों ने कहा कि पुलिस सही हत्यारे को नहीं पकड़ रही है. […]

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में जेल भेजे गये एक नामजद व दो अप्राथमिकी अभियुक्तों ने पुलिस अफसरों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. पीएमसीएच अस्पताल व कोर्ट परिसर में तीनों ने अपने-अपने जख्म दिखाये. चारों ने कहा कि पुलिस सही हत्यारे को नहीं पकड़ रही है. हत्यारे घूम रहे हैं. उनलोगों को बेवजह जेल भेजा जा रहा है. मारपीट कर आरोप कबूल कराया गया है. मारपीट से शरीर में कई स्थानों पर जख्म हैं. पुलिस किसी तरह फाइल क्लोज कर खुद बचना चाहती है. हत्याकांड की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. सीबीआइ जांच से ही खुलासा संभव है.
किस आरोपित का क्या था कहना
जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू : वह 10 साल से मैंशन से दूर है. अपनी पेट्रोल पंप भी बेच चुका है. मैंशन आन-जाना नहीं है. हत्या क्यों और कैसे हुई उसे पता नहीं है. पुलिस कहती है कि नामजद अभियुक्त हैं. मोबाइल लोकेशन 21 मार्च को हत्या के दिन स्टील गेट था. पिंटू ने अपना मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि जांच की जाय. वह तो भूईंफोड़ स्थित अपने घर में था. दिन में कोर्ट गया था. वह बाहर चला गया था. नाम आने पर खुद एसएसपी को फोन कर हाजिर होने की बात कही. एसएसपी ने डीएसपी (विधि-व्यवस्था) डीएन बंका से मिलने को कहा. वह डीएसपी से मिले. तोपचांची थाना में रखकर कई दिनों से पूछताछ की गयी. मारपीट व प्रताड़ित किया गया.
धनंजय सिंह उर्फ धनजी: मूलत: बिहार के आरा जिला के कोइलवर निवासी कई वर्षों से संजीव के साथ रह रहा है. अभी कोलकासुमा स्थित इंडोरी फैक्ट्री में रहता है. आज तक उसके खिलाफ कोई केस मुकदमा नहीं है. विधायक के साथ रहकर अपना परिवार चला रहा है. 12 हजार रुपये महीना वेतन मिलता है. वह तो हमेशा सड़क पर घूमते रहता है. हत्या के दिन वह अपने घर पर था. विधायक के साथ रहे के कारण उसे सब जानते हैं. स्टील गेट में हत्या हुई. उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है. कई दिनों से पुलिस उसे पकड़ कर रखी थी. घर से उठाकर लाया गया था. थाना में मारपीट व थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था. कई कागज पर हस्ताक्षर कराये गये. मारपीट में इंस्पेक्टर डीएसपी शामिल थे. इस दौरान वहां सीनीयर अफसर भी मौजूद रहते थे. कई लोगों का फोटो पहचनवाया जा रहा था. जबरन हां बोलने को कहा जा रहा था. पुलिस अफसर कह रहे थे कि बोलो कि विधायकजी ने हत्या करायी है.
संजय सिंह : सिंह मैंशन से 10-15 साल से जुड़ा है. रंजय का बड़ा भाई है. अभी वह विधायक संजीव का अनुसवेक है. विधानसभा से वेतन मिलता है. नीरज की हत्या हुई उस समय वह सिंह मैंशन में था. बच्चे डीएवी में पढ़ते हैं. बच्चों का रिजल्ट 24 को निकला तो पत्नी को साथ लेकर लक्षणपुरा, रामगढ़ भभुआ गांव चला गया था. भाई की हत्या से डर बना हुआ है. अब गांव में रहकर बच्चों को पढ़ाने की सोच रहा था. पुलिस ने धनबाद में घर का ताला तोड़ दिया. पुलिस उसे खोज रही थी. वह गांव से धनबाद आ रहा था. भभुआ रोड स्टेशन पहुंचने वाला था. पुलिस गांव पर पहुंच गयी थी. घर से फोन आया. पुलिस वालों ने कहा सुरक्षा देंगे, आप पर खतरा है. पुलिस पकड़ कर धनबाद लायी. थाना में कई दिनों से बंद रखकर मारपीट की जा रही थी. संतोष, पंकज समेत चार लोगों के फोटो का पहचान करवा रही थी. उसने किसी को नहीं पहचाना तो मारपीट की गयी. डीएसपी व इंस्पेक्टर पीट रहे थे. सभी कह रहे थे कि विधायक ने हत्या करायी है नाम बोल दो.
मोनू सिंह : घर से पुलिस उठाकर ले आयी और कहती है कि हथियार रखा था. जो हथियार बरामदगी दिखायी गयी है वैसे तो हमलोग कभी देखे भी नहीं है. अशोक के घर से हथियार बरामद हुआ. पुलिस अशोक के बाद मुझे पकड़ी और फिर प्रशांत मामा को. हमलोगों को बहुत पीटा गया. पुलिस अफसर गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे. हमलोग हथियार क्यों रखेंगे? पुलिस अपने बचने के लिए हत्याकांड में हमलोगों को भी फंसायेगी. प्रशांत मामा के साथ मारपीट कर अधमरा कर दिया गया है. मामा जिंदगी और मौत से अस्पताल में जूझ रहे हैं. पुलिस हमलोगों को फंसाकर असली हत्यारे को बचा रही है. फिर किसी की हत्या का इंतजार पुलिस कर रही है क्या? सीबीआइ जांच से दूध का दूध व पानी की पानी हो जायेगा.
अशोक महतो: आदर्श बिहार निवासी बिंदा महतो का पुत्र 10 साल से ज्यादा समय से गुपचुप व चाट बेचता है. पहले कुंती निवास के सामने बेचता था. अभी काफी दिनों से बिग बाजार के सामने ठेला लगा रहा है. पुलिस बुधवार की रात उसे उठाकर ले गयी. पुलिस कह रही है कि हथियार रखा था. उसका कहना है उसने तो कभी कोई हथियार देखा ही नहीं है. पुलिस काहे जेल भेज रही है यह भी नहीं पता है. पुलिस मोनू बाबू व मामा के बारे में बोलने को कह रही थी.

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