प्रश्नों के एटेम्प्ट होने चाहिए व निगेटिव मार्किंग से कैसे बचा जाये. कौन-कौन से चैप्टर नीट व एमस के मद्देनजर अधिक महत्वपूर्ण हैं. तैयारी से जुड़ी ऐसे कई तकनीकी जानकारियां भी दी.
कम समय को देखते हुए क्या पढ़ना है और क्या छोड़ देना है, यह सब कुछ बताया. धनबाद केंद्र निदेशक संजय आनंद ने सेल्फ स्टडी प्रबंधन के साथ ही प्रश्नों के प्रैक्टिस व डाउट्स क्लियरेंस पर जोर दिया. बताया कि ऑल इंडिया टेस्ट, स्पॉट टेस्ट व डीपीपी का किस तरह लाभ उठायें. विषयवार किस विषय पर हर दिन कितना समय देना है. मेमरी बेस्ड पार्ट के रिवीजन के साथ ही उन्होंने एपीयरिंग छात्रों को बताया कि किस तरह प्लस टू के प्रेशर के साथ मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी को संतुलित किया जा सकता है.