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सुरेश हत्याकांड : देवेंद्र का पिटिशन खारिज

धनबाद: कोयला व्यवसायी व कांग्रेस नेता सुरेश सिंह हत्याकांड की सुनवाई मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश धनंजय कुमार की अदालत में हुई. मामले के चश्मदीद गवाह जेल में बंद देवेंद्र सिंह को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया. देवेंद्र सिंह की ओर से उनकी अधिवक्ता जया कुमार ने दंप्रसं […]

धनबाद: कोयला व्यवसायी व कांग्रेस नेता सुरेश सिंह हत्याकांड की सुनवाई मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश धनंजय कुमार की अदालत में हुई. मामले के चश्मदीद गवाह जेल में बंद देवेंद्र सिंह को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया. देवेंद्र सिंह की ओर से उनकी अधिवक्ता जया कुमार ने दंप्रसं की धारा 309 के तहत पिटीशन दायर कर अदालत को बताया कि देवेंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए उसे बयान दर्ज कराने के लिए समय दिया जाये. अपर लोक अभियोजक ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने अदालत को बताया कि यदि गवाह देवेंद्र गवाही देना चाहता है, तो वह गवाही कराने को तैयार हैं. प्रमोद लाला के अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा ने भी अपना पक्ष रखा. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद साक्षी देवेंद्र की ओर से दायर पिटिशन को खारिज कर दिया.
बाद में अधिवक्ता जया कुमार ने दूसरा पिटिशन दायर कर अदालत को बताया कि वह इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगी, फलस्वरूप गवाह को समय दिया जाये. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 16 मार्च निर्धारित कर दी. अदालत ने गत 23 फरवरी को गवाह देवेंद्र सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. चश्मदीद गवाह द्वारा दायर पिटिशन में इस बात का भी जिक्र है कि 5 अगस्त 2016 को स्टेट ने शपथ पत्र दायर कर फरार शशि सिंह के संबंध में प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी थी.
डकैती में तीन दोषी करार, सजा तीन को
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (14) रवींद्र कुमार की अदालत ने मंगलवार को डकैती के एक मामले में लोयाबाद निवासी अजीत कुमार सिंह, उदय कुमार प्रजापति व अजीत चौहान को भादवि की धारा 395 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अब इस मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई तीन मार्च को होगी. 24 अगस्त 2015 की रात एक बजे हथियार से लैस अपराधी लोयाबाद आठ नंबर बीसीसीएल बंगला में रहने वाले अनंत झा के घर में घुस गये. गृहस्वामी व अन्य सदस्यों को बंधक बनाकर दो लाख रुपये के जेवर व नकद लूटकर चलते बने.
मारपीट में चार को दो वर्ष की कैद
मारपीट के मामले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश(15) सुधांशु कुमार शशि की अदालत ने फुफवाडीह बरवाअड्डा निवासी निमाई हाजरा, मानिक हाजरा, भक्तू हाजरा समेत चार को दो वर्ष की कैद व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. बाद में सभी को अपील करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. एक नवंबर 07 को आरोपितों ने हरवे-हथियार से लैश होकर देवनारायण हाजरा, गामा हाजरा व कालीचरण हाजरा पर जानलेवा हमला किया था. घटना के बाद देवनारायण ने थाना में मामला दर्ज कराया था .
प्रबंधक पर फायरिंग में मांगा आपराधिक इतिहास
रंगदारी को लेकर डेको प्रबंधक पर फायरिंग करने वाले सूरज सिंह गुट के मुख्य सरगना शिव शर्मा उर्फ कुमार शिवेंद्र की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में हुई.
अदालत में बचाव पक्ष से अधिवक्ता जया कुमार ने बहस की, जबकि अभियोजन से एपीपी मो. जब्बाद हुसैन ने अपना पक्ष रखा. अदालत ने आरोपित का आपराधिक इतिहास प्रस्तुत करने का आदेश दिया. आरोप है कि 30 नवंबर 2015 को शिव शर्मा ने क्लासिक मोटर के पास डेको प्रबंधक अमरेंद्र नारायण झा पर गोली चलायी थी.
कल्याणी प्रोजेक्ट के पूर्व पर्सनल मैनेजर को सजा
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश (तृतीय) कुमार दिनेश की अदालत ने मंगलवार को रिश्वतखोरी के मामले में सीसीएल ढोरी क्षेत्र के कल्याणी प्रोजेक्ट के तत्कालीन पर्सनल मैनेजर मिल्कियस टोप्पो को पीसी एक्ट की धारा 7 व 13(2) सहपठित 13 (1) (डी) में दोषी पाकर दो-दो वर्ष की कैद और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सजा के बिंदु पर सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन कुमार सिन्हा ने जोरदार बहस की. बाद में अदालत ने सजायाप्ता को झारखंड उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी.
पूर्व डिप्टी मैटेरियल मैनेजर को तीन वर्ष की सजा
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश (द्वितीय) पीयूष कुमार की अदालत ने मंगलवार को फर्जीवाड़ा के मामले में बीसीसीएल के कुस्तौर क्षेत्र संख्या 8 के पूर्व डिप्टी मैटेरियल मैनेजर (स्टोर) विजय कुमार सिंह को भादवि की धारा 409/120 (बी) व पीसी एक्ट की धारा 13(2) सहपठित 13 (1) (सी) तीन-तीन वर्ष की कैद व दस-दस हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी. भादवि की धारा 471/120 (बी) में दो वर्ष की सजा दी. बाद में अदालत ने सजायाप्ता को झारखंड उच्च न्यायालय में अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. फैसला सुनाये जाने के वक्त अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन कुमार सिन्हा ने सजा की बिंदु पर बहस की.

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