कचहरी परिसर. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जनता मजदूर संघ के अध्यक्ष ने किया न्यायालय में आत्मसमर्पण
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कोर्ट से जेल गेट तक सिंह मेंशन समर्थकों का हुजूम
कचहरी परिसर. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जनता मजदूर संघ के अध्यक्ष ने किया न्यायालय में आत्मसमर्पण अपने भतीजे विधायक संजीव के साथ स्कॉर्पियो में सवार होकर रामधीर सिंह धनबाद कोर्ट पहुंचे. कोर्ट पहुंचने के घंटे भर से कम समय के अंदर मेंशन समर्थकों को फोन से सूचना मिली. धनबाद : रामधीर सिंह के साथ […]
अपने भतीजे विधायक संजीव के साथ स्कॉर्पियो में सवार होकर रामधीर सिंह धनबाद कोर्ट पहुंचे. कोर्ट पहुंचने के घंटे भर से कम समय के अंदर मेंशन समर्थकों को फोन से सूचना मिली.
धनबाद : रामधीर सिंह के साथ आनन-फानन में समर्थकों का हजूम कोर्ट पहुंच गया. रामधीर सिंह 28 कोर्ट भवन के बाहर अपने भतीजे से वाहन से उतरे. उजला कुर्ता-पैजामा व बंडी पहने रामधीर के बगल में विधायक संजीव थे. समर्थकों का हुजूम चाचा की एक झलक पाने को बेताब था. कोई पैर छू रहा था तो कोई हाथ जोड़ कर प्रमाण कर रहा था. मीडियाकर्मी की भी भीड़ लगी थी. सामने से कैमरा का फ्लैश चमकने लगा. रामधीर को लेकर समर्थकों का हुजूम भीड़ को चीरते हुए सुरक्षा घेरे में 28 कोर्ट भवन के ऊपर ले गये.
रामधीर सिंह के साथ अधिवक्ता व विधायक कोर्ट में अंदर गये. अधिवक्ता ने रामधीर के सरेंडर किये जाने की सूचना कोर्ट को दी. रामधीर ने अपना व पिता का नाम कोर्ट को बताया. कोर्ट ने रामधीर का पहचान पत्र
मांगा. तत्काल पहचान पत्र की फोटो कॉपी उपलब्ध करायी गयी. फिर
कोर्ट ने पुलिस को रामधीर को कस्टडी करने का आदेश दिया. पुलिस ने रामधीर को हथकड़ी लगायी और कोर्ट से जेल ले गयी. विधायक संजीव सिंह व समर्थक रामधीर के साथ चल दिये.
कोर्ट के अादेश के साथ स्वास्थ्य बना सरेंडर का कारण : मैंशन सूत्रों का कहना है कि रामधीर हाल के वर्षों से काफी बीमार चल रहे हैं. बीमारी का इलाज बड़े हॉस्पिटल में कराया जा
रहा है. फरारी में छिप-छिपकर बीमारी का इलाज कराने में परेशानी हो रही
थी. हाइकोर्ट से याचिका खारिज हो
गयी थी. सुप्रीम कोर्ट में चार सप्ताह में सरेंडर का अादेश दिया था. बीमारी का असर रामधीर के स्वास्थ्य पर झलक रहा था.
रामधीर बोले, बीमार थे, कोर्ट पर पूरा भरोसा : रामधीर ने सरेंडर करने के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहा कि वह बीमार थे. इस कारण नहीं आ पा रहे थे. न्यायपालिका का वह सम्मान करते हैं. कोर्ट पर पूरा विश्वास है.
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