धनबाद. स्कूली छात्र अगर स्कूल परिसर के 500 मीटर के दायरे में मोटरसाइकिल चलाते हुए पकड़े गये तो अब संबंधित स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जायेगी. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत यह कार्रवाई की जा सकती है. ऐसा एक पत्र उपायुक्त ए दोड्डे ने एसएसपी मनोज रतन चोथे को लिखा है. इसमें […]
धनबाद. स्कूली छात्र अगर स्कूल परिसर के 500 मीटर के दायरे में मोटरसाइकिल चलाते हुए पकड़े गये तो अब संबंधित स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जायेगी. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत यह कार्रवाई की जा सकती है. ऐसा एक पत्र उपायुक्त ए दोड्डे ने एसएसपी मनोज रतन चोथे को लिखा है. इसमें स्कूली बच्चों के मोटरसाइकिल से स्कूल आने-जाने पर रोक लगाने को कहा गया है.
पत्र में कहा गया है कि प्राय: ऐसा देखा जा रहा है कि नाबालिग स्कूली बच्चे बगैर लाइसेंस के मोटरसाइकिल से स्कूल आया-जाया करते हैं. हाल में ऐसे कई मामले सामने आये हैं. स्कूली बच्चों का मोटरसाइकिल से स्कूल आने-जाने पर प्रतिबंध है.
स्कूल परिसर से आधे किलोमीटर की परिधि में भी बाइक चलाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. इसलिए जिले के सभी स्कूल प्रबंधनों को अपने स्तर से नाबालिग बच्चों को बगैर मोटरसाइकिल से स्कूल जाने-जाने के लिए आदेश दिया जाये, ताकि स्कूली बच्चों को आये दिन हो रही दुर्घटनाओं से बचाया जा सके. पत्र की प्रतिलिपि डीइओ एवं डीएसइ को भी भेजी गयी है. और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
डीटीआे ने पहले भी जारी किया है आदेश
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के स्कूली बच्चों द्वारा स्वयं दोपहिया वाहन चला कर स्कूल आने-जाने के मामले में पहले भी आदेश जारी हो चुका है. तत्कालीन डीटीओ रवि राज शर्मा ने इसको लेकर सभी सरकारी व निजी स्कूलों को पत्र लिखा था. इसमें बाइक, स्कूटर, स्कूटी से बच्चों के स्कूल आने-जाने पर रोक लगाने को कहा गया था. प्लस टू तक के बच्चे आम तौर पर 18 वर्ष से कम उम्र के होते हैं और इस उम्र में लाइसेंस नहीं दी जाती है. स्पष्ट है कि सभी बच्चे बिना लाइसेंस के ही वाहन चलाते हैं.