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किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा, किसी को एक थप्पड़ तक नहीं मारा, फिर निशाने पर क्यों?
धनबाद: सिंह मैंशन में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में झरिया विधायक संजीव सिंह ने कहा : मेरे परिवार की राजनीतिक पहुंच से विरोधियों को परेशानी है. विरोधी निशाना बना सकते हैं. भाई राजीव रंजन की हत्या हो चुकी है. भाई की मौत के बाद मां कुंती देवी विधायक बनी. अभी मैं विधायक हूं. किसी […]
धनबाद: सिंह मैंशन में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में झरिया विधायक संजीव सिंह ने कहा : मेरे परिवार की राजनीतिक पहुंच से विरोधियों को परेशानी है. विरोधी निशाना बना सकते हैं. भाई राजीव रंजन की हत्या हो चुकी है. भाई की मौत के बाद मां कुंती देवी विधायक बनी. अभी मैं विधायक हूं. किसी को परेशान नहीं किया.
किसी से कोई विवाद नहीं किया. किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया. किसी को हानि नहीं पहुंचायी. किसी को परेशान नहीं करते. मैंशन का कोई आदमी कहीं गलत नहीं करता है. हम लोगों का सम्मान, मदद व सेवा करते हैं. मैंने किसी को आज तक एक थप्पड़ नहीं मारा है. काम में बाधा नहीं डाला. लोग मिलने पर कहते भी हैं कि विधायक आपके जैसा हो. आपका विचार, धारणा व व्यवहार अच्छा है. समझ में नहीं आ रहा है कि उल्टे-सीधे गलत काम करनेवाले अच्छे बनने की कोशिश करते हैं. जो समाज के लिए अच्छा करते हैं उनको निशाने पर लिया जाता है.
लेकिन विरोधी कमजोर नहीं समझें, मुकाबला करने में सक्षम
संजीव ने कहा : मेरी सुरक्षा मजबूत है. धनबाद से लेकर रांची व राज्य से बाहर जाने पर अपनी सुरक्षा मजबूत रखता हूं. इस कारण वे मेरी हत्या में सफल नहीं हो सके. हमें कुछ नहीं कर सके तो रंजय की हत्या कर दी. रंजय को मैंने पहले चेताया था कि अकेले नहीं निकलो, अलर्ट रहो. लेकिन वह नहीं माना. रंजय की हत्या कर मुझे कमजोर करने व तोड़ने की कोशिश की गयी है. मैं भी अगर अकेले निकलता तो कहीं सड़क पर लाश मिलती. जिस प्रकार से रंजय की हत्या की गयी है उसमें धनबाद के साथ-साथ राज्य के बाहर के लोगों का हाथ है. (संजीव का इशारा यूपी के माफिया डॉन बृजेश की तरफ भी था.) धनबाद में विरोधियों ने राज्य से बाहर के लोगों का सहयोग लेकर रंजय की हत्या करायी है. जिस तरह वर्ष 2003 में प्रमोद सिंह की हत्या धनबाद के लोगों ने राज्य के बाहर के लोगों के संरक्षण में की थी. लेकिन विरोधी कमजोर नहीं समझें. रंजय नहीं है तो एक हजार रंजय खड़ा है. अपने लोगों की सुरक्षा के लिए तैयार हैं. किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करेंगें. मैं शासन-प्रशासन को मैसेज देना चाहता हूं कि हम सब मिल कर राज्य का विकास कर आगे बढ़ाना चाहते हैं. लेकिन अपनों को खोना नहीं चाहते हैं.
वे लोग और बुरा दिन ला सकते हैं
संजीव ने कहा : जिस सोच से रंजय की हत्या की गयी है, उससे पता चलता है वे लोग और बुरा दिन ला सकते हैं. मैं निशाने पर हूं. मेरी सुरक्षा कोई आडंबर नहीं है. अगर सरकार व लोगों को लगता है कि संजीव को सुरक्षा की जरूरत नहीं तो सभी गार्ड वापस ले लें. वर्ष 2007 से 2014 तक हम अपनी सुरक्षा खुद करते रहे हैं. विधायक बनने के बाद मुझे सरकारी सुरक्षा मिली है. मैं सदन में अपनी बात रखूंगा. मुख्यमंत्री से भी बात करूंगा. रंजय की हत्या के दिन मुख्यमंत्री का फोन आया था. बात हुई, लेकिन मैं पूरी तरह बात करने की स्थिति में नहीं था. शासन व प्रशासन को देखना है कि आगे ऐसी हत्या नहीं हो. रोकना व देखना शासन का काम है. रंजय की हत्या के बाद उसके साथ मौजूद राजा ने एफआइआर दर्ज करायी है. पुलिस राजा को बुलाकर पूछताछ व जानकारी लेती है.
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