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121 प्राथमिक शिक्षकों को शो-कॉज

कार्रवाई. फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने के मामले अब स्थानीय थाने में ही होगी प्राथमिकी पिछले दिनों जैक में जांच में 135 शिक्षकों में से किसी के भी टेट प्रमाण पत्र सही होने की पुष्टि नहीं हुई थी. फर्जी प्रमाण-पत्र मामले में डीएसइ ने प्रारंभिक स्कूलों के 121 शिक्षक-शिक्षिकाआें से स्पष्टीकरण तलब किया है. धनबाद […]

कार्रवाई. फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने के मामले अब स्थानीय थाने में ही होगी प्राथमिकी
पिछले दिनों जैक में जांच में 135 शिक्षकों में से किसी के भी टेट प्रमाण पत्र सही होने की पुष्टि नहीं हुई थी. फर्जी प्रमाण-पत्र मामले में डीएसइ ने प्रारंभिक स्कूलों के 121 शिक्षक-शिक्षिकाआें से स्पष्टीकरण तलब किया है.
धनबाद : प्रारंभिक स्कूलों के 121 शिक्षक-शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण पूछा गया है. डीएसइ विनीत कुमार ने एक सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है कि क्यों न आपको सेवा से बरखास्त कर दिया जाये. आपके द्वारा प्रस्तुत शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का प्रमाणपत्र जाली है. श्री कुमार ने बताया कि फिलहाल 121 संबंधित शिक्षक-शिक्षिकाओं को पत्र भेजा जा चुका है. दूसरे फेज में शेष शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले किसी शिक्षक-शिक्षिका को बख्शा नहीं जायेगा. सनद हो डीएसइ श्री कुमार ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल, रांची के कार्यालय में खुद से 135 शिक्षक-शिक्षिकाओं के टेट के प्रमाणपत्र की खुद जांच की थी, जिसमें छठी से आठवीं कक्षा (स्नातक प्रशिक्षित) के केवल एक शिक्षक शामिल थे.
इसमें किसी भी शिक्षक का टेट प्रमाणपत्र सही नहीं होने की पुष्टि हुई थी. अब जल्द ही संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक भी बुलायी जायेगी. डीएसइ श्री कुमार ने बताया कि अब किसी एक थाने में नहीं, बल्कि स्थानीय थाने में ही संबंधित शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. संबंधित अंचल के बीइइआे ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायेंगे. इससे पहले फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने वाले 18 शिक्षकों पर धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
प्रारंभिक स्कूलों में इंटर प्रशिक्षित एवं स्नातक प्रशिक्षित पदों पर नियुक्त हुए करीब 148 शिक्षक-शिक्षिकाओं का प्रमाणपत्र जाली है. हालांकि कुल 154 शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन स्थगित किया गया था, जिसमें पांच शिक्षकों ने योगदान ही नहीं दिया था. एक शिक्षक का प्रमाणपत्र अभी तक सत्यापित नहीं हुआ है. इसके अलावा बिहार बोर्ड से भी प्रमाण-पत्रों का सत्यापन नहीं हुआ है.
मिले थे 34 हजार आवेदन
प्रारंभिक स्कूलों के लिए कुल 1348 शिक्षक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी. इनमें पहली-पांचवीं कक्षा के 906, छठी-आठवीं कक्षा के 290 एवं उर्दू शिक्षकों के 152 पद थे. इसके लिए करीब 34 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन मिले थे. पहली-पांचवीं कक्षा में 452 पारा एवं 454 गैर पारा पद थे. अंतत: कुल 938 अभ्यर्थियों का शिक्षक पदों पर चयन हुआ. इनमें पहली-पांचवीं कक्षा के 665, छठी-आठवीं कक्षा के लिए 253 एवं उर्दू शिक्षकों के 20 अभ्यर्थी शामिल थे.

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