धनबाद: जमीन मामले में आयकर छापे के दूसरे दिन की छानबीन के दौरान अग्रवाल बंधुओं (राजेंद्र अग्रवाल, महेंद्र अग्रवाल एवं योगेंद्र अग्रवाल) के यहां से 15 लाख कैश और 11 लॉकर मिले हैं. नौ लॉकर धनबाद के बैंकों में और दो कोलकाता के बैंकों में हैं. इधर विभाग को 28 जून को एक और बड़े भू-भाग की रजिस्ट्री होने की सूचना मिलने के बाद उसकी भी छानबीन शुरू कर दी गयी है.
निदेशक, आयकर विभाग (बिहार-झारखंड) कुमार संजय ने गुरुवार को दूरभाष पर इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि पूरा मामला हाइ प्रोफाइल है और विभाग को एक और बड़े राजनीतिक के इसमें शामिल होने की जानकारी मिली है. पूछताछ के क्रम में अग्रवाल बंधुओं ने स्वीकार किया कि वे लोग 15 कंपनी बनाये हुए हैं और उसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन करते हैं. इन लोगों ने 22 जुलाई के बाद 28 जुलाई, 2012 को एक और जमीन की रजिस्ट्री करायी. दोनों मिला कर 85 एकड़ जमीन हो गयी.
छापामारी खत्म, अब होगी जांच
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की शाम में छापामारी का काम पूरा हो गया. बाहर से आये अधिकारियों की टीम लौट गयी है. इसके बाद से जो कागजात जब्त किये गये हैं, उसके आधार पर जांच शुरू की जायेगी. इस छापामारी में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है, जिसकी जांच की जायेगी. इस मामले में एक पूर्व मंत्री ही नहीं एक और बड़े नेता का नाम सामने आया है.
कई लोगों का पता नहीं
इस छापामारी के दौरान कई ऐसे लोगों का पता चला जो गायब हैं. मानिक तिवारी छापामारी के बाद से गायब हैं, जबकि एक और व्यक्ति जमीन रजिस्ट्री होने के बाद से ही गायब है. उधर भावेश कोमो ट्रेड के एक डारेक्टर त्रिलोकी सिंह एक मामले में जेल में है. सूत्रों के अनुसार उससे भी विभाग के लोग पूछताछ कर सकते हैं. इस मामले में सांवड़िया बंधुओं के पैसे लगने की बात चर्चा में है. रतन नामक व्यक्ति का भी पता नहीं चल रहा है.
गजब का गोरखधंधा
धनबाद में हाल के दिनों में जमीन खरीदगी के मामले में कई रोचक बातें सामने आयी है. धनबाद में यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है. यहां जमीन मालिक कोई और है और लोग पावर ऑफ एटर्नी लेकर जमीन की खरीद – बिक्री करते हैं. इससे न केवल जमीन मालिकों को उनका वाजिब पैसा मिल पाता है बल्कि विभाग को भी उसका टैक्स नहीं मिल पाता. ऐसे सभी डील पर अब विभाग की नजर है. यहां जो जमीन डील हुई है, उसमें भी यही बात सामने आयी है.
होगी अवर निबंधक से पूछताछ
इस पूरे मामले में तत्कालीन अवर निबंधक से भी विभाग पूछताछ करेगी. इतना ही नहीं इस मामले में कोमो ट्रेड के दोनों निदेशकों से भी पूछताछ होगी.
एक सीए की भी भूमिका
यहां के एक सीए अग्रवाल बंधुओं को कोलकाता ले गये और वहीं से भावेश कोमो ट्रेडर्स नामक कंपनी की खरीदारी की और उसमें काला धन लगाया.
किनके-किनके नाम शामिल
सुरेश अग्रवाल, मोहन अग्रवाल उर्फ योगेंद्र अग्रवाल, केडी सिंह एवं तरुण कांति घोषाल. केडी सिंह ब्रोकर है और वह आयकर की रिटर्न भी फाइल नहीं करता.
जमीन मालिकों को एक करोड़ ही
पूछताछ के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि उदय शंकर पाल सहित अन्य जमीन मालिकों ने तरुण घोषाल को जमीन बेचने के लिए पावर आफ एटर्नी दे दिया था. टीडी में जमीन की कीमत के तौर पर 27 करोड़ रुपये भुगतान दिखाया गया है. पर, जमीन मालिकों को सिर्फ एक करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है.