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कोयलांचल यूनिर्वर्सिटी के लिए याद रहेगा वर्ष 2016

धनबाद: वर्ष 2016 धनबाद के लिए मिश्रित अनुभवों वाला रहा. एक तरफ, जहां बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा हुई, वहीं दूसरी तरफ धनबाद शहर पर सबसे गंदे शहर का दाग लगा. जिले में विधि-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पहली बार एक एसएसपी सहित तीन पुलिस-अधीक्षक की पोस्टिंग हुई. केंद्रीय शहरी विकास […]

धनबाद: वर्ष 2016 धनबाद के लिए मिश्रित अनुभवों वाला रहा. एक तरफ, जहां बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा हुई, वहीं दूसरी तरफ धनबाद शहर पर सबसे गंदे शहर का दाग लगा. जिले में विधि-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पहली बार एक एसएसपी सहित तीन पुलिस-अधीक्षक की पोस्टिंग हुई. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जनवरी 2016 में 73 शहरों में स्वच्छता सर्वे कराया गया. फरवरी 2016 में इसके परिणाम की घोषणा धनबाद के लिए निराशाजनक रही.

सफाई के मामले में धनबाद सबसे निचले पायदान पर रहा. जनवरी 2016 में धनबाद में पहली बार एसएसपी की पोस्टिंग हुई. सुरेंद्र झा धनबाद के पहले एसएसपी रहे. हालांकि, ट्रक चालक गोली कांड को ले कर हुए विवाद के कारण श्री झा छह माह भी नहीं रह पाये. जुलाई माह में मनोज रतन चोथे ने धनबाद के दूसरे एसएसपी के रूप में योगदान दिया. इसी वर्ष मई माह में धनबाद में पहले सिटी एसपी एवं ग्रामीण एसपी की पोस्टिंग हुई. इसी वर्ष धनबाद में एंटी करप्शन ब्यूरो का प्रमंडलीय दफ्तर भी धनबाद में खुला.

विवि की चार दशक पुरानी मांग हुई पूरी

धनबाद में यूनिवर्सिटी बनाने की चार दशक पुरानी मांग पूरी हुई. विधानसभा एवं धनबाद में बजट पूर्व संगोष्ठी के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहां बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की. यूनिवर्सिटी के लिए भेलाटांड़ में जमीन भी चिह्नित कर ली गयी है. नये वर्ष में यहां विधिवत यूनिवर्सिटी काम करने लगेगा. यह धनबादवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है. आइएसएम को आइआइटी में तब्दील करने की प्रक्रिया भी पूरी हुई. यहां के लोगों के आइआइटी का सपना पूरा हुआ.

स्वच्छ भारत में 23वें से चार नंबर में पहुंचे

इस वर्ष प्रशासनिक महकमा में भी उलटफेर हुआ. जून में उपायुक्त कृपा नंद झा का तबादला हुआ. आंजने युलु दोड्डे जून के अंतिम सप्ताह में यहां के उपायुक्त बने. नये उपायुक्त ने पेयजल संकट एवं खुले में शौच से मुक्त अभियान पर जोर दिया. नतीजा धनबाद ओडीएफ में राज्य में 23वें से चौथे स्थान पर पहुंच गया.

मेयर, नगर आयुक्त का विवाद रहा चर्चा में

पूरे वर्ष धनबाद नगर निगम विवादों व चर्चे में रहा. यहां के नगर आयुक्त रहे छवि रंजन पर एसीबी में केस होने के बाद आनन-फानन में बदली की गयी. उनके स्थान पर नगर आयुक्त बने घोलप रमेश गोरख हमेशा सुर्खियों में रहे. पहले मेयर के स्वामित्व वाले सिटी सेंटर पर कार्रवाई के लिए. फिर होटल सील करने पर मेयर एवं नगर आयुक्त के बीच विवाद इतना बढ़ा कि श्री घोलप को यहां से जाना पड़ा. डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह भी सुर्खियों में रहे. पहले नगर निगम के कार्यपालक अभियंता को कथित रूप से अगवा कर धमकी देने के लिए. फिर एक आउटर्सोसिंग कंपनी में मारपीट मामले को ले कर. फिलहाल डिप्टी मेयर लगभग दो माह से फरार चल रहे हैं.

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