झरिया/जोड़ापोखर/भौंरा (धनबाद) : आतंकियों के हमले में शहीद शशिकांत पांडेय की सोमवार को दामोदर नद के मोहलबनी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गयी. मुखाग्नि उनके पिता राजेश्वर पांडेय ने दी. 45 राउंड फायरिंग कर जवानों ने शहीद को सलामी दी. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो उठा. पाकस्तिान मुरदाबाद-शहीद शशिकांत अमर रहे के नारे से मोहलबनी श्मशान घाट गूंज उठा. मंत्री व सांसद के पहुंचने पर घाट पर मौजूद लोगों ने विरोध प्रकट करते हुए कहा कि तीन दिन बीतने पर भी झारखंड सरकार ने शहीद के परिजन के लिए मुआवजा का एलान नहीं किया है.लोगों के विरोध पर अमर बाउरी ने कहा कि सरकार ने शहीद के परिवार को दस लाख रुपया मुआवजा देने की घोषणा की है. शहीदों के लिए एक नीति बनायी जायेगी, ताकि शहीद परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके.
फूट-फूट कर रो पड़े पिता. शहीद पुत्र को मुखाग्नि देते राजेश्वर पांडेय फूट-फूट कर रो पड़े. बड़े पुत्र श्रीकांत पांडेय ने किसी तरह अपने पिता को ढाढ़स बंधाया. इस दौरान शशिकांत पांडेय के अन्य परिजन व दोस्त भी रोने लगे. घाट पर सीआरपीएफ के कमांडेंट निशित कुमार, सिख रेजिमेंट के सतनाम सिंह, डीसी ए डोड्डे, एसएसपी मनोज रतन चौथे, सिटी एसपी अंशुमन कुमार, ग्रामीण एसपी एचपी जनार्दनन, एसडीएम महेश संथालिया, दंडाधिकारी पंकज कुमार, डीएसपी विकास कुमार पांडेय मौजूद थे.
जियलगोरा लाया गया पार्थिव शरीर
इससे पहले बरवाअड्डा हवाई पट्टी से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शहीद शशिकांत पांडेय का पार्थिव शरीर जियलगोरा लाया गया. शरीर को श्रद्धांजलि मंच व आवास पर रखा गया. शहीद की मां ललिता देवी कॉफिन देख कर बेहोश हो गयी. पानी छिड़क कर उन्हें होश में लाया गया. आंखें खुलते ही फिर बेहोश हो गयीं. इसके बाद उन्हें घर पहुंचा दिया गया.
हमरा बबुआ के बक्सवा से निकाल द
शहीद की मां ललिता देवी रो-रोकर कह रही थीं- ‘हमरा बबुआ के बक्सवा से निकाल, दुश्मनवा भेजवइले बा.
मधुमक्खियों से मची भगदड़
घाट पर बॉडी पहुंचने से दस मिनट पहले मधुमक्खियों का झुंड मंडरा रहा था. ऐसे में वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गयी. सीआरपीएफ जवानों ने स्थिति को संभाला और लोगों को नीचे बैठने की सलाह दी. इसके बाद मधुमक्खियों का झुंड चला गया.
कर्मठ थे शशिकांत
अंबाला पारा मिलिटरी यूनिट 107 के एबीडी संजीव कुमार ने कहा कि शहीद शशिकांत पांडेय उनके अधीन तीन साल से काम कर रहे थे. वह बहुत कर्मठ व अनुशासन प्रिय थे. उनकी ऑफिसर बनने की ख्वाहिश थी. उन्होंने उसे दो बार एसीसी का टेस्ट भी दिलवाया. वह हमेशा कहता था कि वह अधिक दिन तक नौकरी नहीं करेगा. उसमें देश की खातिर मर-मिटने का जज्बा कूट-कूट कर भरा था. 17 दिसंबर की सुबह सात बजे उससे बात हुई थी. कहा था कि वह ठीक है. देश व आपका नाम रोशन करेगा.
पूर्वाह्न 11.14 बजे आया पार्थिव शरीर
बरवाअड्डा. शशिकांत पांडेय का पार्थिव शरीर सोमवार को पूर्वाह्न 11.14 बजे भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बरवाअड्डा स्थित हवाई अड्डा पहुंचा.
बनेगा स्मारक
अरेराज/गोविंदगंज : जम्मू के पंपोर में शहीद शशिकांत पांडेय का स्मारक उनके गांव बभनौली में बनेगा. सोमवार की शाम शहीद के गांव जिलाधिकारी अनुपम कुमार व एसपी जितेंद्र राणा पहंुचे और उनकी तसवीर पर माल्यापर्ण किया.वहीं तैल्य चित्र के पास मोमबत्ती जला और दो मिनट तक मौन रखा व श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पंचायत के मुखिया वेद पांडेय ने शहीद शशिकांत का स्माकर बनाने की घोषण की. वहीं जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की मांग पर स्मारक की चाहरदीवारी व स्मारक से घर तक सड़क निर्माण की घोषणा की. बताते चले कि शशिकांत के बड़े भाई व कारगील शहीद मनोज पाण्डेय का स्मारक पहले से बना हुआ है. शहीद मनोज के स्मारक के पास ही शशिकांत का स्मारक बनेगा. मौके पर अरेराज एसडीओ विजय पाण्डेय, डीएसपी नुरूल हक सहित सैकड़ों ग्रामीण व विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.