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विज्ञान के बल पर विश्व गुरु बनेगा भारत

धनबाद : विज्ञान के बल पर भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनेगा. पूरी दुनिया की नजर अभी भारत पर ही है. भारत ने हमेशा दुनिया को नयी राह दिखायी है. भारत पहले विश्व गुरु हुआ करता था. यहां आर्यभट्ट जैसे महान वैज्ञानिक पैदा हुए, जिन्होंने शून्य का आविष्कार किया था. पूरी दुनिया ने उनका […]

धनबाद : विज्ञान के बल पर भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनेगा. पूरी दुनिया की नजर अभी भारत पर ही है. भारत ने हमेशा दुनिया को नयी राह दिखायी है. भारत पहले विश्व गुरु हुआ करता था. यहां आर्यभट्ट जैसे महान वैज्ञानिक पैदा हुए, जिन्होंने शून्य का आविष्कार किया था. पूरी दुनिया ने उनका लोहा माना था. इसके अलावा भी कई बड़े वैज्ञानिक पैदा हुए. यहां बाल वैज्ञानिकों में जो जोश व क्षमता है. उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि जल्द ही भारत फिर विश्व गुरु बनेगा. ये बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहीं. वह मंगलवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर धनबाद में आयोजित चार दिवसीय 15वें राष्ट्रीय ज्ञान–विज्ञान मेला के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहीं थीं. ज्ञान विज्ञान मेला में उत्तर क्षेत्र की टीम को आेवर ऑल चैंपियन घोषित किया गया.
मंगलयान छोड़ दुनिया को लोहा मनवाया : राज्यपाल ने कहा कि भारत द्वारा अपने दम पर मंगलयान ग्रह के सफल प्रेक्षण से पूरी दुनिया हैरत में है. आज दुनिया के अधिकांश बड़े देश की शोध टीम में भारतीय मूल के वैज्ञानिक हैं. कहा आज भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती जन संख्या नियंत्रण, प्रदूषण नियंत्रण व नयी-नयी बीमारियां हैं. देश में इंजीनियर तो सरप्लस हैं. लेकिन, डॉक्टरों की बहुत कमी है. श्रीमती मुर्मू ने मेडिकल के क्षेत्र में नये शोध पर बल दिया.
शिक्षा दान का अनोखा कार्य : राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश में लगभग 14 हजार विद्या मंदिर के स्कूल चल रहे हैं. इन स्कूलों में परंपरागत व संस्कार युक्त शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी दिया जाता है. देश में चल रहे विद्या मंदिर शिक्षा दान का अनोखा कार्य कर रहे हैं. शिशु विद्या मंदिरों में बच्चों की पूजा होती है. वनवासियों के लिए भी विद्या भारती के कार्य सराहनीय हैं.
विज्ञान में बहुत कुछ करने की संभावनाएं : विशिष्ट अतिथि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, नयी दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि विद्यार्थी मौलिक रूप से वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करें. विज्ञान में अभी बहुत कुछ करने की संभावनाएं हैं.
शोध कार्य से जुड़ें बाल विज्ञानी : विज्ञान विषय के राष्ट्रीय संयोजक रामप्रसाद स्वामी ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में नित्य नये शोध चल रहे हैं. इस शोध कार्य में भारत के बाल विज्ञानी तन, मन व धन से जुड़ें, क्योंकि उन्हें अमरीका, रूस, चीन से आगे बढ़ना है.
वैदिक गणित भारत की देन : वैदिक गणित के राष्ट्रीय संयोजक देवेंद्र राव देशमुख ने कहा कि वैदिक गणित भारत की देन है. वैदिक गणित से हम झटपट गणना कर लेते हैं. इस कारण वैदिक गणित को विद्या भारती ने विज्ञान मेला का एक अंग बनाया है.
मानव उत्थान से जुड़े हों शोध : विशिष्ट अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति डॉ नंद कुमार इंदु ने कहा कि विज्ञान के शोध मानव उत्थान से जुड़े होने चाहिए.
नवीनतम तथ्यों का हुआ आदान-प्रदान : विद्यालय के निदेशक फूल सिंह ने कहा कि इस राष्ट्रीय आयोजन में विज्ञान से जुड़े कई नवीनतम तथ्यों का आदान-प्रदान बाल वैज्ञानिकों के बीच हुआ और अलग-अलग परिवेश से आये हुए भैया-बहनों को एक दूसरे का समझने का भी मौका मिला. स्वागत समिति के संरक्षक एवं विद्यालय के उपाध्यक्ष शंकर दयाल बुधिया ने कहा आयोजन के लिए विद्या भारती, बाल विज्ञानियों, संरक्षक आचार्य-आचार्याओं के लिए धन्यवाद दिया. मेला के संयोजक एवं विद्यालय के सचिव विनोद कुमार तुलस्यान ने कहा कि विगत दो माह से इस आयोजन की तैयारी में विद्यालय परिवार लगा था. आगंतुकों को हर साधन सुविधा उपलब्ध करायी गयी.
जो थे उपस्थित : विद्या भारती के राष्ट्रीय अधिकारी एवं विषय प्रमुखों के अलावा विद्या विकास समिति, झारखंड रांची के प्रदेश सचिव मुकेश नंदन, संभाग निरीक्षक आेंकार प्रसाद सिन्हा, विभाग निरीक्षक नीरज लाल, उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा, विज्ञान प्रमुख अशोक सिंह, विद्यालय अध्यक्ष श्याम सुंदर चौधरी, उपाध्यक्ष शंकर दयाल बुधिया, मंत्री विनोद कुमार तुलस्यान, कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर अग्रवाल, विद्यालय के निदेशक फूल सिंह, प्राचार्य राजेश कुमार सिंह, उप प्राचार्या उमा मिश्रा, उप प्राचार्य मनोज कुमार, प्रभारी परिमल चंद्र झा एवं राणा प्रताप प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
उत्तर क्षेत्र बना ओवर ऑल चैंपियन : विद्या भारती ने सांगठनिक तौर पर देश के संपूर्ण राज्यों को 11 क्षेत्रों में बांटा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली उत्तर क्षेत्र में आते हैं. 15 वें राष्ट्रीय ज्ञान–विज्ञान मेले में उत्तर क्षेत्र के बाल विज्ञानियों को अधिकांश प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए ओवर ऑल चैंपियन घोषित किया गया.

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