धनबाद: आइएसएम को आइआइटी का टैग मिलने का रास्ता साफ होने के संकेत मिले हैं. 19-20 जनवरी को जांच करने आइएसएम आयी आइआइटी की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एकेडमी काउंसिल के सुपुर्द कर दी है. जानकार सूत्रों के अनुसार ऑल ओवर रिपोर्ट पॉजिटिव है. रिपोर्ट चूंकि गोपनीय है, इसलिए अब तक सार्वजनिक नहीं की गयी है.
परफॉरमेंस पर पहले से ही संतुष्ट थी टीम : टीम का यह दौरा जांच का फाइनल टच भर था. आइएसएम प्रबंधन ने अपनी ऑल ओवर परफॉरमेंस रिपोर्ट टीम को भेजी थी, उस पर टीम के पांचों सदस्य आइआइटी मुंबई के निदेशक प्रो अशोक मिश्र की अध्यक्षता वाली इस जांच कमेटी में अन्य चार सदस्य थे. उनमें इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु के प्रो एचपी खेंचा, आइआइटी चेन्नई से प्रो भास्कर रामामूर्ति, आइआइटी जोधपुर से प्रो एचके कालरा तथा आइआइटी कानपुर से प्रो नीरज मिश्र पहले ही मंथन कर चुके थे. निरीक्षण में सिर्फ रिपोर्ट की सत्यता की जांच की गयी.
बाधक है चुनाव : सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट पर आइआइटी एकेडमी काउंसिल को निर्णय लेकर उस पर पार्लियामेंट से मंजूरी लेनी होगी. इधर, लोकसभा चुनाव की तिथि शीघ्र घोषित होने वाली है. फिलहाल कोई निर्णय होने की संभावना कम दिखती है. जानकारों का मानना है कि वैसे आइआइटी एकेडमी काउंसिल में निर्णय लेकर उसे कार्यान्वित भी कर सकता है. बाद में पार्लियामेंट की मंजूरी ली जा सकती है. हालांकि इसकी संभावना कम है.
आसान है मार्ग : आइएसएम की कार्यशैली व संचालन पहले से आइआइटी की तर्ज पर है. संसाधन में आइएसएम कई आइआइटी से बीस पड़ता है. जांच कमेटी भी इस बात से सहमत थी. सिर्फ आइएसएम के केवल एकेडमिक स्ट्रक्चर में परिवर्तन करना होगा. बीएचयू तथा रूड़की की तुलना में आइएसएम में यह काम ज्यादा आसान होगा.
स्टूडेंट्स व फैकल्टी दोनों को लाभ : टैग का फायदा स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट आदि में मिलेगी, वहीं फैकल्टी का पे स्ट्रक्चर जो वर्तमान में यूजीसी की तर्ज पर है, वह पूरी तरह से आइआइटी की तर्ज पर बनेगी.
धनबाद से दिल्ली तक आंदोलन : आइएसएम को आइआइटी का टैग मिला तो यह एक बड़े संघर्ष का परिणाम होगा. संस्थान के छात्रों ने धनबाद से लेकर दिल्ली जंतर-मंतर तक आंदोलन किया था. दर्जनों सांसद से मिल कर समर्थन भी हासिल किया. साथ ही संस्थान के स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री व राहुल गांधी को पत्र भेज कर ‘नो आइआइटी, नो वोट्स ’ की चेतावनी भी दी है. स्टूडेंट्स इस बात को लेकर काफी नाराज हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने धनबाद आगमन पर भी उनसे आइआइटी का वादा किया था, फिर इतना विलंब क्यों.