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सबसे सुंदर दर्शन है गौ दर्शन : स्वामी गोपाल मणि

धनबाद: दुनिया का सबसे सुंदर दर्शन गौ दर्शन है. कृष्ण सुबह सबसे पहले गौ माता के दर्शन करते थे. बछड़ों को दूध पिलाती गौै माता के दर्शन बिगड़े भाग्य को बनाता है. अगर ऐसा दृश्य दिख जाये तो गौ माता को कुछ खिलाना, उनकी पीठ पर हाथ फेरना चाहिए. गाय की पीठ में सूर्यकेतु नाड़ी […]

धनबाद: दुनिया का सबसे सुंदर दर्शन गौ दर्शन है. कृष्ण सुबह सबसे पहले गौ माता के दर्शन करते थे. बछड़ों को दूध पिलाती गौै माता के दर्शन बिगड़े भाग्य को बनाता है. अगर ऐसा दृश्य दिख जाये तो गौ माता को कुछ खिलाना, उनकी पीठ पर हाथ फेरना चाहिए. गाय की पीठ में सूर्यकेतु नाड़ी है. गाय में 33 करोड़ देवी देवता निवास करते हैं. यह बातें वाचक स्वामी गोपाल मणि जी ने व्यास पीठ से गौ कथा के पहले दिन कही.
पांच दिवसीय गौ कथा प्रारंभ : सोमवार से भवान कारा गौशाला मटकुरिया में श्री झरिया धनबाद गौशाला द्वारा आयोजित पांच दिवसीय गौ कथा व्यास पीठ के पूजन के साथ शुरू हो गयी. भगवती देवी केजरीवाल, किशन केजरीवाल ने व्यास गद्दी की पूजा की. कथा 7 से 11 नवंबर तक दोपहर दो से शाम छह बजे तक चलेगी.
शक्ति मंदिर से निकली शोभा यात्रा : सोमवार को सुबह दस बजे शक्ति मंदिर परिसर से शोभा यात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा में सबसे आगे स्वामी जी सजे रथ पर बैठे थे. उसके पीछे बैंड बाजावाले श्याम धुन बजाते चल रहे थे. इसके पीछे सजे रखे में राधा-कृष्ण की मोहक झांकी थी. श्याम भक्त हाथों में निसान लेकर श्याम का गुणगान करते चल रहे थे. यात्रा मंदिर से निकल कर हावड़ा मोटर, बैंकमोड़, एसी मार्केट होते हुए भवान कारा गौशाला कथा स्थल मटकुरिया पहुंची. यहां श्याम भक्तों का स्वागत श्री झरिया धनबाद गौशाला के सदस्यों ने किया.
गोबर पर रेडिएशन असर नहीं करता
कथा के दौरान स्वामी जी ने कहा कि यज्ञ के उपले में एक चम्मच गाय का शुद्ध घी डालने से एक टन ऑक्सीजन बनता है. गोबर पर रेडीएशन का असर नहीं होता. इंद्र ने जब वज्र चलाया था तो भगवान कृष्ण ने गोबर की छत खड़े कर दी थी. इससे वज्र का कोई असर नहीं हुआ.
ऋृषियों ने गाय को गायत्री कहा : भारतीय ऋृषि मुनियों ने गाय को गायत्री कहा है. गाय जो मां शब्द बोलती है. यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली शब्द है. नवजात जब दुनिया में आता है सबसे पहले मां कहता है. इस ब्रह्मांड के पहले कवि वाल्मिकी हैं. तुलसी दास ने इन्हें आदि कवि कहा है. वाल्मिकी के पहले श्लोक के पहले शब्द में मां लिखा है.
सुबह करें गौ दर्शन
हमारी संस्कृति में सबसे पहले गौ दर्शन किया जाता है. उनकी पीठ पर हाथ फेरा जाता है. मनुष्य का दिमाग कर्म के अनुसार है. हाथ परमात्मा ने उधार दिये हैं. इन हाथों से जगत का हित, कल्याण होना चाहिए. इसलिए कहा जाता है अपना हाथ जगन्नाथ. सुबह उठने के साथ हाथ देखना और बोलना अपना हाथ जगन्नाथ, मां बोलते हुए चेहरे पर हाथ फेरने से पूरा दिन अच्छा बितेगा.
देवी की पूजा दो रूपों में
देवी की पूजा दो रूपों में होती है. गाय के रूप में, बेटी के रूप में. बेटे को राम, कृष्ण बनाकर नहीं पूजा जाता है. लेकिन नवरात्र में बेटियों को मां के नौ रूपों में पूजा जाता है. गाय हमारी मां है जो गलियों में घूम रही है. हमे गौ सेवा की ओर अग्रसर होना चाहिए़

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