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सीआइएल के समक्ष अस्तित्व की चुनौती
धनबाद: कोल इंडिया की तीन अनुषंगी इकाइयां बीसीसीएल, ईसीएल और डब्ल्यूसीएल घाटे में है. सीसीएल घाटा में जाने वाला है. कोल इंडिया के समक्ष अस्तित्व बचाने की चुनौती है. अधिकारी-कर्मचारियों एवं ट्रेड यूनियनों को मिल कर इस चुनौती से निपटना होगा. यह बात बात इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कही. वह गुरुवार […]
धनबाद: कोल इंडिया की तीन अनुषंगी इकाइयां बीसीसीएल, ईसीएल और डब्ल्यूसीएल घाटे में है. सीसीएल घाटा में जाने वाला है. कोल इंडिया के समक्ष अस्तित्व बचाने की चुनौती है. अधिकारी-कर्मचारियों एवं ट्रेड यूनियनों को मिल कर इस चुनौती से निपटना होगा. यह बात बात इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कही. वह गुरुवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री सिंह ने कहा कि कोल इंडिया की विपरीत परिस्थिति में कोल कर्मियों को 54 हजार बोनस मिला. देश के किसी उद्योग में इतना बोनस नहीं मिला है. इस मौके पर बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी एन कुमार के निधन पर शोक संवेदना भी प्रकट की गयी. बातचीत के दौरान एके झा, ब्रजेंद्र सिंह, वीरेंद्र अबष्ट, केबी सिंह, संतोष महतो, एसएस जामा, मिथिलेश कुमार सिंह, रामप्रीत यादव, सुरेश चंद्र झा आदि मौजूद थे.
आउटसोर्सिंग हमने शुरू करायी : उन्होने कहा बीसीसीएल बीआइएफआर में था. तब हमने आउट सोर्सिंग शुरू करवायी. तब लोगों ने काफी विरोध किया. आज कोल इंडिया में 60 प्रतिशत उत्पादन आउटसोर्सिंग से हो रहा है. कोयला मजदूरों को अच्छा वेतन मिल रहा है. अगर आउटसोर्सिंग शुरू नहीं होती तो आज क्या हालात होते. ठेका मजदूरों को अब हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा के अनुसार वेतन मिलेगा. नहीं मिलने पर क्षेत्र के महाप्रबंधकों पर कार्रवाई होगी.
मामला कोर्ट में : इंटक नेता ने कहा जेबीसीसीआइ में इंटक के बैठने का मामला अदालत में है. अब कोर्ट ही फैसला करेगा कि इंटक के प्रतिनिधि जेबीसीसीआइ में बैठेंगे या नहीं.
टिस्को कोलियरीज की हालत ठीक नहीं: श्री सिंह ने कहा टिस्को झरिया डिवीजन और वेस्ट बोकारो की स्थिति ठीक नहीं है. खदानें काफी लंबी और गहरी हैं. उत्पादन खर्च बढ़ता जा रहा है. प्रबंधन ने बंद करने को कहा था. हमने बात की. प्रबंधन ने यूनियन के सहयोग से एक हजार कर्मियों को ईएसएस के तहत हटाया. प्रबंधन वेतन समझौता नहीं कर रहा है. आज मैने वहां यूनियन नेताओं से बात कर जानकारी ली है. इस बारे में कंपनी के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष से बात करूंगा.
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