बेकारबांध में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा और शहर के पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़.
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तेरे दरबार में मइया खुशी मिलती है
बेकारबांध में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा और शहर के पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़. अष्टमी को दुर्गोत्सव का उत्साह उफान पर था. लोग सज-संवर कर मां के दर्शन को निकले. हर तरफ ढाक की ढन-ढना-ढन, भक्ति गीतों की गूंज और पवित्र माहौल. हालांकि हाल के वर्षों की तुलना में इस बार अष्टमी को […]
अष्टमी को दुर्गोत्सव का उत्साह उफान पर था. लोग सज-संवर कर मां के दर्शन को निकले. हर तरफ ढाक की ढन-ढना-ढन, भक्ति गीतों की गूंज और पवित्र माहौल. हालांकि हाल के वर्षों की तुलना में इस बार अष्टमी को उतनी भीड़ नहीं दिखी.
धनबाद : इस बार दिन से ही लोग निकलने लगे थे. बच्चों में खास उत्साह था. मेले में वे किसी भी सामान को देख मचल उठते. झूला झूलने के लिए बच्चे उतावले थे. जहां तक मौसम का सवाल है तो आसमान में बादल छाये थे और कभी-कभी बिजली भी चमक जाती. लेकिन शुक्र है कि बारिश नहीं हुई.
रविवार को महाअष्टमी के दिन पूजा अर्चना के बाद मां का महाभोग वितरित किया गया. दुर्गा मंदिर चैरेटेबल एवं रीलिजियस ट्रस्ट, बंगाली बेलफेयर सोसायटी, श्री श्री दुर्गा, काली, लखी पूजा समिति बरमसिया, सत्यम शिवम सुंदरम दुर्गा पूजा कमेटी झारखंड मैदान, श्री श्री दुर्गा एवं काली पूजा समिति रांगाटांड़, श्री श्री दुर्गापूजा समिति सरायढेला, नया बाजार सार्वजनिन दुर्गोत्सव कमेटी नगर निगम, नवयुवक संघर्ष समिति मनईटांड़ में भक्तों ने मां का महाभोग ग्रहण किया. सबसे पहले सुबह में पुष्पांजलि हुई. बड़ी संख्या में भक्तों ने अपने निकट के पूजा पंडालों में पुष्पांजलि अर्पित की.
जगह-जगह पुलिस की व्यवस्था थी और सड़कों पर कम जाम दिखे. सोमवार को नवमी के दिन अगर मौसम साफ रहता है तो भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद की जा सकती है.
मेला पर महंगाई की मार
बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, युवतियां सभी मेला का आनंद उठा रहे हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल मेला थोड़ा महंगा हो गया है. लेकिन उसके बाद भी लोगों के आनंद में किसी तरह का कमी नहीं है और लोग सभी झूलों का पूरा आनंद उठा रहे हैं. झूला महंगा होने के बाद भी लोगों की लंबी लाइन लगी है. मौत का कुंआ 40 रुपया, तारा माचिस 50, ब्रेक डांस 50, बच्चों के लिए धूम झूला 30, नाव झूला 40, ट्रेन 40, थ्री डी फिल्म 30 व अन्य कोई भी झूला 30 रुपया से कम नहीं है.
मेला में बच्चों के लिए एक से बढ़ कर एक खिलौना आया हुआ है. कहीं हाथी पानी छींट रहा है तो किसी की ट्रेन दीवार पर चढ़ने को तैयार है. यही नहीं कुछ गाड़ियां ऐसी हैं जिसके सामने रुकावट आने के बाद भी नहीं रूक रही है और लगातार चल रही है. इस तरह के खिलौने मेला में 20 रुपया से 12 सौ रुपया तक में बिक रहे हैं. इससे ज्यादा महंगा खिलौना भी है.
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