20 सितंबर को सुभद्रा वाटिका, शुभ विवाह व गोपाला विवाह स्थल व 24 को धनबाद गेस्ट हाउस किया गया था सील
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बैकफुट पर निगम, चारों संस्थानों का सील खोला
20 सितंबर को सुभद्रा वाटिका, शुभ विवाह व गोपाला विवाह स्थल व 24 को धनबाद गेस्ट हाउस किया गया था सील रविवार को होटल मुस्कान व होटल जील को करना था सील धनबाद : नगर निगम रविवार को बैक फुट पर आ गया. बगैर लाइसेंस के संचालित धर्मशाला, विवाह स्थल, गेस्ट हाउस व होटलों पर […]
रविवार को होटल मुस्कान व होटल जील को करना था सील
धनबाद : नगर निगम रविवार को बैक फुट पर आ गया. बगैर लाइसेंस के संचालित धर्मशाला, विवाह स्थल, गेस्ट हाउस व होटलों पर कार्रवाई बीच में रोक दी. यही नहीं जिन संस्थानों को पिछले दिनों सील किया गया था, उन संस्थानों का सील भी रविवार को खोल दिया गया. निगम के अचानक बैकफुट पर आने से शहर में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. आखिर निगम को ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा? जबकि रविवार को होटल मुस्कान व होटल जील को सील करने की तैयारी थी. इस बीच सील प्रकरण पर रविवार को उपायुक्त ने नगर आयुक्त से बात की और कुछ निर्देश भी दिये.
गेस्ट हाउस, सुभद्रा, शुभ विवाह व गोपाला का सील खुला : बगैर लाइसेंस के संचालित सुभद्रा वाटिका, शुभ विवाह व गोपाला विवाह भवन को 20 सितंबर को सील किया गया था. शनिवार को धनबाद गेस्ट हाउस को सील किया गया था. होटल मुस्कान में विवाद होने के कारण सील नहीं हो सका था. लाइसेंस मिलने तक सभी संस्थानों को सील रखने का निर्णय लिया गया था.
20 दिनों की दी गयी है मोहलत : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त रमेश घोलप ने कहा कि बगैर लाइसेंस के संचालित संस्थानों को 20 दिनों की मोहलत दी गयी है. चेंबर व कुछ संस्थान के संचालक आये हुए थे. उनके आग्रह पर 20 दिनों का समय दिया गया है. अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 का जो नॉर्म्स है, उसे 20 दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया गया है. समय अवधि के बाद नॉर्म्स को पूरा नहीं करने पर फिर से कार्रवाई की जायेगी. संस्थानों के संचालकों से बांड पेपर पर लिखित लिया गया है. इसके बाद ही सील खोलने का आदेश दिया गया है.
नगर आयुक्त से मिला चेंबर
धर्मशाला, होटल व गेस्ट हाउस पर हो रहे निगम की कार्रवाई से क्षुब्ध जिला चेंबर का प्रतिनिधिमंडल रविवार को नगर आयुक्त से उनके आवास पर मिला. निगम की कार्रवाई पर विरोध जताया. कहा कि निगम सुविधा नहीं दे रहा है और टैक्स अप टू डेट मांग रहा है. 24 घंटे के नोटिस में सील करने का दबाव बनाना न्याय संगत नहीं है.
लाइसेंस के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया जाये. नगर निगम कैंप लगाये, सभी संस्थान लाइसेंस लेने को तैयार है. नगर आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को 20 दिनों का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में जिला चेंबर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, महासचिव चेतन गोयनका, कोषाध्यक्ष अशोक साव, सुरेंद्र ठक्कर अशोक चौरसिया आदि थे.
क्या है नॉर्म्स
पर्याप्त जगह, बिजली एवं प्रकाश की समुचित एवं सुरक्षित व्यवस्था, जलापूर्ति की व्यवस्था, अग्निशमन सुरक्षा, प्रवेश और निकास की समुचित व्यवस्था, आकस्मिकता की स्थिति में निपटने की पर्याप्त व्यवस्था, पार्किंग की व्यवस्था, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था, स्त्री एवं पुरुष के लिए शौचालय की व्यवस्था, धुआं निकास एवं प्रदूषण नियंत्रण की समुचित व्यवस्था.
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