उन्होंने कहा कि सभी जवाबदेही उच्च प्रबंधन की ही नहीं होती. एरिया प्रबंधन को भी जवाब देना होगा. उन्होंने एरिया महाप्रबंधकों को उत्पादन व उत्पादकता पर ध्यान देने के साथ-साथ कॉस्ट कंट्रोल पर विशेष ध्यान देने को कहा. इस दौरान उन्होंने एक-एक कर सभी एरिया के जीएम से उनकी समस्याएं सुनीं व उन्हें दिशा-निर्देश दिये. बैठक में निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना) देवल गंगोपाध्याय, सभी एरिया के महाप्रबंधक मौजूद थे.
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बीआइएफआर की राह पर बीसीसीएल
धनबाद : बीसीसीएल फिर से बीआइएफआर की राह पर है. अधिकारी अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन करें अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें. उक्त बातें कोल इंडिया के निदेशक तकनीकी-सह-बीसीसीएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) नागेंद्र कुमार ने कही. वह शनिवार को कोयला भवन के सभागार में एरिया महाप्रबंधकों के साथ मीटिंग कर रहे थे. […]
धनबाद : बीसीसीएल फिर से बीआइएफआर की राह पर है. अधिकारी अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन करें अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें. उक्त बातें कोल इंडिया के निदेशक तकनीकी-सह-बीसीसीएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) नागेंद्र कुमार ने कही. वह शनिवार को कोयला भवन के सभागार में एरिया महाप्रबंधकों के साथ मीटिंग कर रहे थे.
क्रश कोयला ही डिस्पैच करे : प्रभारी सीएमडी ने कहा कि एरिया महाप्रबंधक ट्रांसपोर्ट टू साइडिंग पर विशेष ध्यान दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा कोयला का डिस्पैच हो सके. पावर कंपनियों को 100 प्रतिशत क्रश कोयला चाहिए, इसलिए कोयला की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने एरिया जीएम को डिस्पैच के साथ-साथ उत्पादन में भी तेजी लाने के निर्देश दिये.
कंपनी पर 300 करोड़ का अतिरिक्त भार : एक ओर जहां कंपनी को अपने कर्मचारियों को वेतन के लिए एफडी तोड़नी पड़ रही है, वहीं दसवें बेजबोर्ड के लागू होने से कंपनी पर करीब 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. वहीं वित्तीय वर्ष में कंपनी उत्पादन व डिस्पैच दोनों में पीछे चल रही है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो सितंबर माह में प्रतिदिन 1.25 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है, जबकि कंपनी का उत्पादन 80-85 हजार टन हो रहा है.
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