धनबाद-रांची व देवघर- रांची इंटरसिटी के यात्रियों की मांग
धनबाद : देश की कोयला राजधानी को झारखंड की राजधानी से जोड़ने वाली धनबाद-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस में एक भी रिजर्व कोच नहीं है. पहले इस ट्रेन में एक एसी चेयर कार थी, जिसे रेल प्रबंधन ने हटा दिया. इस कारण धनबाद से रांची तक की यात्रा हर किसी को जेनरल कोच में ही करनी पड़ती है. एसी चेयर कार के हट जाने से यहां के यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है.
सात साल पहले हटाया गया कोच : धनबाद-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस 14 जून 2001 को धनबाद से शुरू की गयी. ट्रेन सुबह में रांची के लिए रवाना होती है और उसी दिन वापस धनबाद पहुंचती है. प्रतिदिन इस ट्रेन में धनबाद के सैकड़ों यात्री किसी न किसी काम से रांची राजधानी जाते हैं. आम से खास लोगों के लिए यह सबसे प्राथमिकता वाली ट्रेन बन गयी है. शुरुआती दौर में इस ट्रेन में एक एसी चेयर कार थी, लेकिन वर्ष 2009 में यह बोगी हटा दी गयी.
वहीं दूसरी तरफ धनबाद रांची इंटरसिटी जाने के लगभग ढाई घंटे के बाद देवघर-रांची इंटरसिटी धनबाद आती है. इस ट्रेन से भी कई यात्री प्रतिदिन रांची जाते हैं. इस ट्रेन के भी सभी बोगी साधारण हैं, जबकि धनबाद के यात्रियों की मांग है कि अब इन दोनों ट्रेन में एसी चेयर कार व आरक्षित चेयरकार बोगी होनी चाहिए, जिसमें यात्री पूर्व में ही टिकट लेकर अपने सीट पक्की कर लें, ताकि यात्रा में कोई परेशानी न हो.
यात्रियों ने कहा
धनबाद-रांची सुबह जाती है. ऐसे में कई कामों से रांची आना जाना पड़ता है, लेकिन इस ट्रेन में एक भी आरक्षित कोच नहीं रहने से परेशानी होती है और ट्रेन खुलने के एक घंटा पहले सीट छेकने जाना पड़ता है.
राहुल कुमार, बाबूडीह
इंटरसिटी एक्सप्रेस में एसी चेयर कार व साधारण चेयर कार की सुविधा धनबाद रेल मंडल को बहाल करनी चाहिए, ताकि आम यात्री भी अपने टिकट आरक्षित कर सुरक्षित व आरामदायक यात्रा कर सकें.
विवेक भगत, हाउसिंग कॉलोनी
धनबाद-रांची इंटरसिटी व देवघर-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस दोनों धनबाद से गुजरती है, लेकिन इन दोनों ट्रेनों में आरक्षित कोच नहीं है, कम से कम एक एसी कोच तो होनी ही चाहिए.
मुकेश दास, भूली
कई यात्री धनबाद-रांची इंटरसिटी ट्रेन में एसी कोच नहीं होने के वजह से सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, यदि कोच लग जाये तो बड़ी संख्या में लोग यात्रा करेंगे आैर रेलवे को भी फायदा होगा.
सूर्य विहार कॉलोनी