धनबाद : केंद्र और राज्य सरकार को सालाना दो हजार करोड़ रुपये राजस्व देने वाले धनबाद को 58 लाख रुपये नहीं मिल रहे हैं. यह रकम मैथन में पंप की मरम्मत के लिए जून में ही मांगी गयी है. लेकिन आज तक नहीं मिली है. लिहाजा मैथन डैम से एक टाइम ही जलापूर्ति हो पा […]
धनबाद : केंद्र और राज्य सरकार को सालाना दो हजार करोड़ रुपये राजस्व देने वाले धनबाद को 58 लाख रुपये नहीं मिल रहे हैं. यह रकम मैथन में पंप की मरम्मत के लिए जून में ही मांगी गयी है. लेकिन आज तक नहीं मिली है. लिहाजा मैथन डैम से एक टाइम ही जलापूर्ति हो पा रही है. लोग परेशान हैं.
मैथन में चार पंप हैं, इनमें दो खराब पड़े हैं. जब तक खराब दो में से एक पंप नहीं बन जाता, तब तक दोनों टाइम जलापूर्ति संभव नहीं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अनुसार 58 लाख रुपये के लिए नगर निगम और रांची स्थित हेड र्क्वाटर को अब तक कई पत्र भेजे जा चुके हैं. लेकिन दोनों में से कोई राशि उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.
शहर में बरसात के समय में भी दोनों टाइम जलापू्र्ति नहीं हो रही है. कभी-कभी तो इतना कम पानी मिलता है कि घर का काम चलाना भी मुश्किल हो जाता है. जबकि मैथन डैम में पानी की कोई कमी नहीं है. चुनाव के वक्त निर्बाध पानी-बिजली देने का वादा करने वाले नेताओं ने चुप्पी साध रखी है.
मैथन में पंप मरम्मत को नहीं मिल रही रकम
न पेयजल विभाग दे रहा, न निगम
पंप मरम्मत नहीं होने से एक ही टाइम पानी मिल रहा शहर को
वाटर टैक्स वसूलता है निगम
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का काम मैथन से पाइप लाइन के माध्यम से पानी लाकर जलमीनार तक पहुंचाना है. कनेक्शन नगर निगम को देना है और उपभोक्ताओं से इसकी राशि भी वही वसूलती है. निगम पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को पानी पहुंचाने के एवज में मेंटेनेंस वर्क के लिए सात करोड़ रुपये देता है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने पानी आपूर्ति करने वाले प्लांट एवं इंटकवेल के रख-रखाव का जिम्मा वीए टैक कंपनी को दे रखा है. विभाग की मानें तो वह सात करोड़ भी निगम से समय पर नहीं मिलता.
ट्रीटमेंट प्लांट में भी आयी खराबी : इधर शनिवार को भेलाटांड़ स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में भी आयी खराबी के कारण कुछ देर के लिए फिल्टरेशन का काम बंद करना पड़ा. लेकिन बाद में खराबी ठीक कर दी गयी.
पंप ठीक होने पर ही दोनों टाइम पानी
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता राहुल प्रियदर्शी ने बताया कि दो खराब मोटरों में से जब तक एक बन नहीं जाता तब तक एक टाइम ही पानी आपूर्ति होगी. मैथन में काफी पानी हो गया है. लेकिन एहतियात के तौर पर दोनों टाइम जलापूर्ति नहीं की जा रही है. पैसे नहीं होने के कारण ही पंप की मरम्मत नहीं हो पा रही है.