धनबाद में यह कैसी व्यवस्था. बड़ी-बड़ी घोषणाएं, मगर पंप मरम्मत कराने को नहीं पैसे
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मैथन लबालब, फिर भी एक टाइम पानी
धनबाद में यह कैसी व्यवस्था. बड़ी-बड़ी घोषणाएं, मगर पंप मरम्मत कराने को नहीं पैसे मैथ्रन डैम में लबालब पानी भरा रहने से भी धनबाद को एक वक्त ही पानी मिल रहा है. वजह पेयजल विभाग की अक्षमता है. इससे धनबादवासियों में रोष है. धनबाद : बरसात में मैथन डैम लबालब है. इतना पानी छोड़ा जा […]
मैथ्रन डैम में लबालब पानी भरा रहने से भी धनबाद को एक वक्त ही पानी मिल रहा है. वजह पेयजल विभाग की अक्षमता है. इससे धनबादवासियों में रोष है.
धनबाद : बरसात में मैथन डैम लबालब है. इतना पानी छोड़ा जा रहा है कि पं. बंगाल के कई जिलों में बाढ़ आ जा रही है. लेकिन धनबाद को दो वक्त पानी नहीं मिल पा रहा है. एक वक्त पानी मिलता है तो वह भी थोड़ा. जलसंकट का यह सिलसिला गरमियों में डैम के सूखने के साथ शुरू हुआ था. लेकिन जब डैम ओवरफ्लो है तो यह संकट क्यों? बिजली भी कमोबेश मिल रही है. जानकार इसके पीछे प्रशासन की अक्षमता बताते हैं. क्योंकि मैथन के दो पंप लंबे समय से खराब हैं
और उन्हें बनाया नहीं जा रहा. मैथन डैम में अभी 477 फीट पानी है. इस कारण इंटकवेल के तीनों गेट डूब चुके हैं. मोटर चलने के साथ ही भेलाटांड़ के लिए तुरंत पानी भी पहुंच रहा है. लेकिन आमलोगों तक जितना पानी पहुंचना चाहिए था वह नहीं पहुंच पा रहा है.
चार में दो पंप हैं खराब
मैथन में कुल चार पंप हैं. इनमें दो से भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पानी भेजा जा रहा है. लेकिन दो पंपों के मोटर खराब पड़े है. पिछली बार जब मैथन का एक मोटर खराब हुआ था और धनबाद में आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ हुई थी तो कार्यपालक अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक ने कहा था कि तीसरा मोटर भी बनाकर स्टैंड बाइ में रखा जायेगा. लेकिन एक माह बीतने के बाद भी तीसरा मोटर नहीं बना है.
जून से ही एक टाइम पानी
जून में जब मैथन डैम में पानी कम हुआ तभी से जो एक टाइम जलापूर्ति शुरू हुई वह अगस्त तक जारी है. लोगों का कहना है कि प्रशासन लोगों के सब्र का इम्तिहान ले रहा है. जनप्रतिनिधियों को इस मसले पर पहल करनी चाहिए.
सुबह के बदले शाम को मिला पानी
शहर के 18 जलमीनार से गुरुवार को जलापूर्ति तो हो गयी, लेकिन शाम साढ़े सात बजे जाकर गांधी नगर जलमीनार से जलापूर्ति हुई. एक टाइम पानी आपू्र्ति करने में भी विभाग हांफ रहा है. इससे लोगों में रोष है. शहर के लोगों ने बताया कि पानी कम मिल रहा है.
मैथन में इंटकवेल के तीनों गेट डूबे गरमी में सूख गया था डैम, बरसात में इतना पानी कि प. बंगाल में बाढ़
पंप बनाने को चाहिए 58 लाख
तीसरा पंप जब तक नहीं बन बनता, तब तक दोनों टाइम जलापूर्ति संभव नहीं है. अगर अभी दो टाइम जलापूर्ति की कोशिश की गयी तो अगर दो में से एक पंप खराब हो गया तो स्थिति और बदतर हो जायेगी. तीसरा पंप बनाने के लिए फंड नहीं है. 58 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है.
इसके लिए हेडक्वार्टर को लिखा गया है. निगम को भी लिखा गया. लेकिन अभी तक फंड नहीं मिला है. देर से जलापूर्ति होने के पीछे बिजली का नहीं होना कारण है. जलमीनार से पानी चलाने के बाद बीच में ही लाइन कट जाने से फिर पानी नहीं चल पाता है.
राहुल प्रियदर्शी, सहायक अभियंता,पेयजल एवं स्वच्छता विभाग.
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