धनबादः बीसीसीएल बीआइएफआर से बाहर निकल गया. 1650 करोड़ रुपये से ज्यादा मुनाफा में है. बावजूद धनबाद के विकास में कंपनी योगदान नहीं कर रही है. कंपनी के माइनिंग क्षेत्र में आग, भू-धंसान, प्रदूषण व गंदगी से लोग परेशान हैं. कंपनी के वाहन के परिचालन से सड़कों की स्थिति जजर्र है.
इन समस्याओं के साथ-साथ बीसीसीएल स्थानीय युवा बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं कर रहा है. यह कहना है जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सह जेबीसीसीआइ सदस्य संजीव सिंह का. वह शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. मौके पर केडी पांडेय, विजय शर्मा, पार्षद विनोद गोस्वामी, प्रदीप सिन्हा, एसबी श्रीवास्तव, बीके झा समेत अन्य मौजूद थे. संजीव ने कहा कि जमसं की ओर से बीसीसीएल के सीएमडी को उक्त समस्या समेत सात सूत्री मांगों से संबंधित स्मार पत्र दिया गया है.
मागों पर एक माह यानी 30 दिनों के अंदर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो जमसं बीसीसीएल का चक्का जाम करेगा. संजीव ने कहा कि विगत 11 वर्षो से बीसीसीएल अंडर ग्राउंड माइनिंग की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. उत्खनन का कार्य आउटसोर्सिग के जरिये किया जा रहा है. प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं की अनदेखी हो रही है. बीसीसीएल चुप है, तो फिर प्रभावित लोगों की कौन सुनेगा. अगर बीसीसीएल के कारण धनबाद की पहचान है तो कंपनी को धनबाद के विकास में योगदान देना चाहिए.
संजीव ने कहा कि बीसीसीएल अपने खर्च पर माइनिंग, अग्नि प्रभावित व ब्लास्टिंग से प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाये. आउट सोर्सिग कंपनियों की निविदा में यह शर्त जोड़ा जाना चाहिए कि स्थानीय बेरोजगार को रोजगार देना होगा.