मृतक के दो बड़े भाई उज्वल कुमार व कुंदन कुमार ने पुलिस को बताया कि दिनेश मंगलवार की शाम चार बजे से कहीं गया हुआ था. बुधवार की सुबह नौ बजे घर आया और मां से बोला मेरा सामान पैक कर दो. शाम में मुझे इलाहाबाद जाना है. इसके बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया. तीन घंटे बाद मां खाना खाने के लिए जगाने गयी तो देखा कि दिनेश सिलिंग से झूल रहा था. उसने साड़ी का फंदा लगाया हुआ था. उसकी नाक से खून बह रहा था. जमीन पर भी खून के धब्बे मिले. मां शोर मचाने लगी और थोड़ी देर में बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी. घर वालों ने पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस को फिलहाल कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. दिनेश के पिता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में दुमका में कार्यरत है. सूचना मिलते ही शाम को वह यहां पहुंचे. पछाड़ खाती मां का कहना था कि दिनेश हमेशा हंसता रहता था. उसने एेसा क्यों कर लिया समझ में नहीं आता है. जहां बोला वहां एडमिशन भी करा दिया गया. अब तो उसकी पढ़ाई भी खत्म होने वाली थी. किसी चीज की कमी नहीं थी.