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महिला को हुआ जुड़वा बच्चा, बेटे को रखा बेटी को बेच दिया

।। वरीय संवाददाता- धनबाद ।। सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं को लेकर अभियान चला रही है, लेकिन धरातल पर आज भी बेटियों को लेकर मानसिकता नहीं बदली. सोमवार को पीएमसीएच में ही एक ऐसा मामला उगाजर हुआ, इससे समाज की मानसिकता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है. पीएमसीएच के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में […]

।। वरीय संवाददाता- धनबाद ।।

सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं को लेकर अभियान चला रही है, लेकिन धरातल पर आज भी बेटियों को लेकर मानसिकता नहीं बदली. सोमवार को पीएमसीएच में ही एक ऐसा मामला उगाजर हुआ, इससे समाज की मानसिकता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है.
पीएमसीएच के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में भरती धैया (भेलाटांड़) निवासी अशोक हाजरा की पत्नी दुलाली देवी (40) ने अपनी नवजात बच्ची को पांच हजार रुपये में बेच दी. नवजात का सौदा सात हजार में किया गया. दो हजार मंगलवार को खरीदने वाले ने देने की बात कही. बच्ची को पांडरपाला (रहमतगंज) निवासी शाहिदा खातून ने खरीदी है. मामले को पीएमसीएच के निजी सुरक्षा गार्डों ने उजागर किया. गार्ड ने बेटी बेचने वाले व खरीदने वाले को पकड़ा, इसके बाद काफी हंगामा हुआ. दुलाली को पीएमसीएच में जुड़वा एक बेटा व एक बेटी हुई है. मजेदार बात यह है कि इसकी भनक न पीएमसीएच प्रबंधन को लगी, न कैंप में तैनात पुलिस जवानों को.
बच्ची ले जा रही महिलाओं को गार्ड ने रोका, हंगामा
घटना की जानकारी निजी गार्ड को लगी, तो वह वार्ड की ओर गये. वहां अशोक व दुलाली से पूछताछ शुरू कर दी. दोनों ने बताया कि बच्ची जिसे दिये हैं, वह अभी-अभी अस्पताल से बाहर निकली है, इसके बाद गार्ड ने महिलाओं को रोका. बिना कागजात के बच्ची ले जाने पर गार्ड ने विरोध किया. काफी देर तक हंगामा होता रहा. महिलाओं ने कहा कि कल आकर कागज बनवा लेंगे. कोर्ट से भी कागज बनवायेंगे. इसके बाद बच्ची को अपने साथ ले गयी. इधर, अशोक व दुलाली भी खरीदने वालों के पक्ष में ही खड़े रहे.
खाने को नहीं, तो बच्चे कैसे पालेंगे
बेटी बेचने वाली दुलाली देवी ने कहा कि पति रोलिंग मिल में काम करता है. किसी तरह गुजर-बसर होती है. रविवार को प्रसव के लिए पीएमसीएच आयी थी. यहां जुड़वा एक बेटी व एक बेटा हुआ. दूसरे वार्ड में एक महिला ने आकर बच्चे की मांग की. इसके लिए पांच हजार रुपये दिये, दो हजार रुपये मंगलवार को अस्पताल आकर देने की बात कही. दुलाली ने कहा कि पहले से दो बेटे व एक बेटी है. दो बच्चे और हो गये, इसलिए एक को देना पड़ा. कहा कि खाने के लिए किसी तरह से गुजर-बसर होता है, ऐसे में बच्चे को क्या खिलायेंगे.
आठ वर्ष के बाद भी कोई संतान नहीं हुआ
शाहिदा खातून व उसके साथ आयी महिलाओं ने कहा कि एक रिश्तेदार का यहां प्रसव हुआ था. उसे देखने पीएमसीएच आये थे. दुलाली के बारे में पता चला. शाहिदा को आठ वर्ष से कोई बच्चा नहीं हो रहा है. इसलिए बेटी को पालने के लिए ले लिया. बदले में पांच हजार रुपये दिये, दो हजार मंगलवार को पीएमसीएच आकर दे दिये जायेंगे. कागज की जरूरत होगी, तो कागज भी बनवा लेंगे. स्थानीय पुलिस को भी आवेदन देंगे.
डॉ आरके पांडेय, अधीक्षक, (पीएमसीएच)
मामले की जानकारी नहीं मिली है. निजी गार्ड से जानकारी लेगें. अस्पताल में काफी संख्या में लोग आते हैं. एक-एक की जानकारी जुटानी मुश्किल होती है.

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