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धनबाद के 4000 परिवार इएसआइ से हुए बाहर

हाल-बेहाल. बिन दवा की डिस्पेंसरी, डॉक्टर-कर्मी भी काफी कम सरकार की घोषणा के बावजूद धनबाद के चार हजार परिवार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) से बाहर हो गये हैं. इएसआइसी की सिलिंग 15 हजार से 25 हजार रुपये बढ़ाने की सरकारी घोषणा अभी तक कागजों पर ही है. इस कारण 15 हजार सिलिंग से ऊपर […]

हाल-बेहाल. बिन दवा की डिस्पेंसरी, डॉक्टर-कर्मी भी काफी कम

सरकार की घोषणा के बावजूद धनबाद के चार हजार परिवार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) से बाहर हो गये हैं. इएसआइसी की सिलिंग 15 हजार से 25 हजार रुपये बढ़ाने की सरकारी घोषणा अभी तक कागजों पर ही है. इस कारण 15 हजार सिलिंग से ऊपर के लोग लाभ से वंचित हो गये हैं.
धनबाद : इधर, इएसआइसी धनबाद शाखा में हर दिन लोग आकर जानकारी ले रहे हैं. ज्ञात हो कि वर्ष 2010 से पहले 15 हजार की सरकार ने सिलिंग बनायी थी, लेकिन अब महंगाई, सैलरी के कारण ग्रोस सैलरी में बढ़ोतरी हुई है, इस कारण चार हजार परिवार 15 हजार सिलिंग से बाहर हो गये हैं. अभी 14698 बीमित धनबाद से जुड़े हैं.
‘चिंता से मुक्ति’ नहीं अब भी चिंता : ‘चिंता से मुक्ति’ इएसआइसी का स्लोगन है. सरकार दावा करती है कि बीमित व्यक्तियों की चिंता अब सरकार को है. लेकिन कई नियमों व शर्तों के कारण कई लोगों का पैसा तो हर माह कटता है, लेकिन जब सुपर स्पेशियलिटी सेवा की बात आती है, तो छह माह के बाद ही परिजनों को जोड़ा जाता है. केवल बीमित व्यक्ति की ही सरकार कवर करती है. इधर, बीमा चिकित्सक भी मरीजों को टाल-मटोल कर सेवा से दूर ही रखना चाहते हैं.
15 से 25 हजार सिलिंग की घोषणा कागज पर ही
अस्पताल से लेकर डिस्पेंसरी तक दवा नहीं
इएसआइसी के तहत मैथन में एक अस्पताल हैं. वहीं जोड़ाफाटक व गोविंदपुर में एक-एक डिस्पेंसरी है. लेकिन तीनों जगहों पर दवाइयों का घोर अभाव है. जोड़ाफाटक में चार की जगह एक क्लर्क हैं. यहां सर्दी-खांसी की दवा भी लोगों को नहीं मिलती है. वहीं बीमित व्यक्तियों के लिए एंबुलेंस भी पांच वर्षों से जर्जर होकर जमींदोज हो गया है. आये दिन दवा नहीं मिलने का बीमित व्यक्ति विरोध कर रहे हैं.
सिलिंग 15 से 25 हजार करने संबंधी हमारे पास सरकार की कोई चिट्ठी नहीं आयी है. इस कारण लगभग चार हजार परिवार इएसआइसी से बाहर हो गये हैं. आगे सरकार के निर्देश का इंतजार है.
केके विश्वास, शाखा प्रबंधक, इएसआइसी
ऑन लाइन मॉनीटरिंग से बढ़ी मनमानी
बीमित व्यक्तियों की समस्या व कंपनी की मनमानी रोकने के लिए इएसआइसी समय-समय पर टीम भेजकर जांच करती थी. नियमों का पालन नहीं करने वाले कंपनी पर कार्रवाई होती थी. लेकिन अब इसे ऑन लाइन कर दिया गया है. अब मुख्यालय स्तर से ही निर्देश पर कंपनियों में जांच की जानी है. इससे मनमानी बढ़ गयी है. इधर, कोलियरी क्षेत्रों में आउटसोसिंग कंपनियां मनमानी कर इएसआइ से कर्मियों को नहीं जोड़ रही है. इससे लगभग 15 हजार से अधिक लोग बीमा से वंचित हैं.

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