वैसे खतियानी रैयत, जिनका नाम अंतिम सर्वे में दर्ज हो और जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी झारखंड में निवास करते हों व भूमिहीन रहने के कारण जिनका नाम खतियान में दर्ज ना हो, ऐसे लोगों को स्थानीय घोषित करे. जिलाध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा ने कहा कि जेवीएम कभी बंदी व नाकेबंदी का पक्षधर नहीं रहा है.
लेकिन विवश होकर 11-12 जून को पूर्ण नाकेबंदी की घोषणा करनी पड़ी है. रमेश राही ने आउटसोर्सिंग कंपनियों में झारखंडी युवको को रोजगार देने की मांग की. बैठक में योगेंद्र यादव, वीरेंद्र हांसदा, रायमुनी देवी, गुरुचरण बास्की, महादेव महतो, रामनारायण भगत, राकेश सिंह, राजीव शर्मा, रमेश महतो, फातमा अंसारी, सूर्यकांत सोरेन, रणजीत सिंह, प्रदीप मोहन सहाय आदि उपस्थित थे.