धनबाद. उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद मृत कोलकर्मी के आश्रित आज भी नियोजन से वंचित हैं. लोक अदालत के माध्यम से वर्ष 2014 में 11440 मामलों का निष्पादन किया गया था. इसमें कोलकर्मियों की जन्मतिथि संबंधी विवाद, ग्रेच्युटी भुगतान, आवास मरम्मत व आवंटन, नियोजन आदि से संबंधित मामले शामिल हैं. कोर्ट के निर्देश के डेढ़ साल बीतने के बाद भी मृत कोलकर्मियों के आश्रितों को आजतक नियोजन नहीं मिला. आश्रित इसके लिए कभी बीसीसीएल मुख्यालय तो कभी कोलियरी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
पुन: कोर्ट जाने की तैयारी में आश्रित : लोक अदालत के निर्देश के बावजूद नियोजन से वंचित मृत कोल कर्मियों के आश्रित अब पुन: कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बना रहे हैं. बताते है कि नियोजन के करीब 40 मामले लोक अदालत में निबटाये गये थे.
केस स्टडी 1
बीसीसीएल कुसुंडा एरिया के मृत कोलकर्मी इसराइल मियां के आश्रित नियोजन के लिए चार साल से कोयला भवन व एरिया कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. लोक अदालत में नियोजन का निर्देश देने के बाद भी बीसीसीएल के संबंधित विभाग में नियोजन की फाइल धूल फांक रही है. इसराइल मियां के आश्रित अब पुन: न्यायालय जाने का मन बना रहे हैं.
केस स्टडी 2
उदय कुमार दुसाध के पिता के गुजरे तीन वर्ष से अधिक समय बीत गया है. उसे आजतक नियोजन नहीं मिला. उदय ने बताया के उसके पिता सिजुआ एरिया में कार्यरत थे. नियोजन के लिए वह तीन साल से कोयला भवन का चक्कर लगा रहे हैं. हाइ कोर्ट के निर्देश के बावजूद उन्हें आजतक नियोजन नहीं मिला है. इससे उनका परिवार आज भुखमरी के कगार पर है.
लोक अदालत में नियोजन से संबंधित जिन मामलों का निष्पादन किया गया हैं, उन सभी का अनुमोदन विधि विभाग द्वारा कर संबंधित विभाग को भेज दिया गया है. अनुमोदन के बाद इसका क्रियान्वयन संबंधित विभाग को करना है.
डॉ हरेंद्र किशोर, महाप्रबंधक, विधि (बीसीसीएल)