स्थानीय नीति पर सरकार व सहयोगी दल आमने-सामने
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संशोधन के लिए सड़क से संसद तक लड़ेंगे : सुदेश
स्थानीय नीति पर सरकार व सहयोगी दल आमने-सामने और क्या कहा सिर्फ मैट्रिक पास कर कोई खतियानी का हक नहीं मार सकता स्थानीय नीति केवल नौकरी का विषय नहीं, हमारी पहचान राज्यहित से आजसू ने कभी नहीं किया समझौता धनबाद : आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि राज्य सरकार को हर हाल […]
और क्या कहा
सिर्फ मैट्रिक पास कर कोई खतियानी का हक नहीं मार सकता
स्थानीय नीति केवल नौकरी का विषय नहीं, हमारी पहचान
राज्यहित से आजसू ने कभी नहीं किया समझौता
धनबाद : आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि राज्य सरकार को हर हाल में स्थानीय नीति में संशोधन करना होगा. इसके लिए आजसू सड़क से लेकर सदन तक लड़ने को तैयार है. गुरुवार को न्यू टाउन हॉल में पार्टी की ओर से आयोजित युवा समागम में श्री महतो ने कहा कि आजसू यहां की जनता के साथ है.
पार्टी को राज्य के पौने दो करोड़ युवाओं की चिंता है. उनकी हकमारी नहीं हो, इसलिए पार्टी गांव-गांव जा कर युवाओं को जागृत करेगी. कहा कि स्थानीयता का आधार अंतिम सर्वे हो. चाहे वह 1932 का खतियान हो या उनके बाद का. जिस परिवार के किसी सदस्य का नाम सीएनटी, एसपीटी या अन्य सर्वे में होगा, वही स्थानीय हो. सिर्फ झारखंड से मैट्रिक पास कर लेने से कोई झारखंडी नहीं हो सकता. कहा कि आजसू कभी भी क्षणिक लाभ वाला निर्णय नहीं लेती.
हमेशा झारखंडियों के हित में लड़ी है. कुर्बानी देकर झारखंड में स्थिर सरकार बनवायी, पहली बार किसी सरकार ने स्थानीय नीति बनाने का साहस जुटाया. हालांकि, इसमें कई त्रृटियां हैं. स्थानीयता केवल नौकरी का विषय नहीं है, झारखंडियों की पहचान है.
झामुमो रहा निशाने पर
आजसू सुप्रीमो ने कहा कि स्थानीयता के नाम पर राजनीति करने वाले झामुमो को आंदोलन करने को कोई हक नहीं है. तीन-तीन बार यहां झामुमो की सरकार बनी. उस वक्त क्यों नहीं नीति बनायी. इतना ही नहीं हेमंत सरकार ने तो जेपीएससी की परीक्षा से स्थानीय भाषा तक को हटवा दिया. झामुमो को इसका हिसाब देना होगा.
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