कोर्ट के आदेश पर भू-अर्जन विभाग ने शुरू की कार्रवाई
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विस्थापित को मुआवजा मिलने का रास्ता साफ
कोर्ट के आदेश पर भू-अर्जन विभाग ने शुरू की कार्रवाई धनबाद : जमीन गये 28 वर्ष बीत गये. मुआवजा के लिए केस लड़ते-लड़ते एक लाभुक का निधन हो गया. अब कोर्ट के आदेश पर दिवंगत रैयत के पुत्र को मुआवजा देने की कवायद तेज हो गयी है. बाघमारा प्रखंड के चंदौर पांडेयडीह निवासी लालू सोनार […]
धनबाद : जमीन गये 28 वर्ष बीत गये. मुआवजा के लिए केस लड़ते-लड़ते एक लाभुक का निधन हो गया. अब कोर्ट के आदेश पर दिवंगत रैयत के पुत्र को मुआवजा देने की कवायद तेज हो गयी है.
बाघमारा प्रखंड के चंदौर पांडेयडीह निवासी लालू सोनार (अब स्व.) की जमीन बीसीसीएल ने वर्ष 1988-89 में अधिग्रहीत की थी. कुल 41 डिसमिल जमीन ली गयी थी. उस समय जमीन का मुआवजा 133 रुपये प्रति डिसमिल की दर से बीसीसीएल द्वारा तय किया गया. इसके खिलाफ लालू सोनार ने कोर्ट में मुकदमा किया. कोर्ट ने पिछले माह फैसला सुनाते हुए बीसीसीएल को रैयत को 15 सौ रुपये प्रति डिसमिल मुआवजा देने का आदेश दिया.
साथ ही 12 प्रतिशत की दर से सूद भी देने का आदेश दिया. जिस दिन से जमीन का हस्तानांतरण हुआ है उस दिन से 15 प्रतिशत अतिरिक्त सूद देने को भी कहा गया है. मंगलवार को जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर ने रैयत के पुत्र निमाई सोनार को मुआवजा राशि देने के लिए प्रक्रिया पूर्ण कराने का आदेश दिया. निमाई सोनार ने बताया कि उनके पिता 25 वर्ष तक केस लड़ते-लड़ते मर गये. अब यह राशि उनकी बेटी की शादी में काम आयेगी.
59 हजार की जगह 46 लाख किया भुगतान
बीसीसीएल द्वारा जमीन अधिग्रहण के एक ऐसे ही मामले में मानवेंद्र सिंह नामक रैयत को 46 लाख रुपये का मुआवजा भुगतान किया. श्री सिंह को 59 हजार रुपये मुआवजा मिलना था. लेकिन उन्होंने भी बीसीसीएल के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी. भू-अर्जन कार्यालय के जरिये 46 लाख का भुगतान रैयत को किया गया.
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