क्राइम. एसी मैकेनिक बनकर घुसा आवासीय परिसर में, अलमीरा तोड़कर उड़ा लिये रुपये -जेवरात
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सिटी सेंटर के फ्लैट से अाठ लाख की चोरी
क्राइम. एसी मैकेनिक बनकर घुसा आवासीय परिसर में, अलमीरा तोड़कर उड़ा लिये रुपये -जेवरात स्टेट बैंक की कर्मी श्रीनेहा लता और मैथन में एक निजी कंपनी में कार्यरत उनके पति दीपक कुमार के सिटी सेंटर स्थित फ्लैट में दिनदहाड़े आठ लाख की चोरी ने शहर और आवासीय परिसर की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिये […]
स्टेट बैंक की कर्मी श्रीनेहा लता और मैथन में एक निजी कंपनी में कार्यरत उनके पति दीपक कुमार के सिटी सेंटर स्थित फ्लैट में दिनदहाड़े आठ लाख की चोरी ने शहर और आवासीय परिसर की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिये हैं. लोगों में सुरक्षा को लेकर खौफ पैदा हो गया है. देखना है कि पुलिस का हाथ चोर के गिरेबान तक पहुंचता है कि नहीं.
धनबाद : शहर के हृदयस्थल सिटी सेंटर के आवासीय परिसर के फ्लैट नंबर 203 (सेकेंड फ्लोर) में बुधवार को दिनदहाड़े डेढ़ बजे चोरी हो गयी. चोर आया, पेचकश से मुख्य दरवाजे का ताला तोड़ अंदर घुसा. एकमात्र अलमारी का लॉक तोड़ा और चार लाख रुपये नकद व चार लाख रुपये के जेवरात बटोर कर चलता बना.
दो से तीन मिनट के भीतर घटना को अंजाम दिया गया. सीसीटीवी कैमरा में चोर की गतिविधियां कैद है, लेकिन उसका चेहरा नहीं दिख पा रहा है. चोर ने टोपी से अपना चेहरा छुपाया हुआ था. ऐसा लगता है कि वह किसी की सूचना पर काम कर रहा था और उसने लक्ष्य से इधर-उधर ध्यान नहीं दिया. क्योंकि अलमीरा के बगल में और भी रुपये व संपत्ति थी.
वीडियो फुटेज के अनुसार उसने बाकी चीजों की तरफ देखा तक नहीं. चोर थैला लेकर जाता दिख रहा है. हालांकि चोरी करने के पहले उसने दरवाजे के सामने से दो-तीन बार आना-जाना किया. यह फ्लैट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बैंक मोड़ मुख्य शाखा में कार्यरत श्रीनेहा लता और मैथन में एक निजी कंपनी में कार्यरत उनके पति दीपक कुमार का है. घटना के वक्त घर पर कोई नहीं था.
पड़ोसियों ने दी सूचना : पड़ोसियों ने जब दरवाजा का ताला टूटा पाया तो गृहस्वामिनी श्रीनेहा लता को सूचना दी. अपराह्न तीन बजे वह फ्लैट पर पहुंची और फोन से पति को सूचित किया. इसके बाद धनबाद थाना इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह मौके पर पहुंचे. घटना की जांच की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा. पता चला कि सिक्यूरिटी गार्ड को चोर ने एसी मैकेनिक के रूप में अपना परिचय दिया और कहा कि उसे कॉल किया गया है. सिटी सेंटर आवासीय परिसर के लोगों का कहना है कि इसके पहले आज तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. फ्लैट के बाहर सिक्यूरिटी गार्ड रहता है. फ्लैट में जाने के सिर्फ दो रास्ते हैं. एक सामने से सीढ़ी से और दूसरा लिफ्ट से. फ्लैट के हर हिस्से में सीसीटीवी कैमरा लगा है.
चार लाख रुपये नकद चार लाख के जेवर झोला में भर कर चलता बना
घटना को अंजाम देने में किसी परिचित का हाथ?
ऐसा लगता है कि चोर को टॉस्क के मुताबिक काम दिया गया था. इसीलिए उसने केवल निर्देशित काम किया. अगल-बगल संपत्ति होने के बावजूद लोभ नहीं किया. जिसने टॉस्क दिया उसे घर के बारे में पूरा आइडिया था. यह भी कि घर में कोई नहीं होगा. अलमारी से रुपये और जेवर ही लेना है. जिस व्यक्ति ने चोर को निर्देश दिया होगा उसे घर के बारे में पक्की सूचना थी.
कुछ लोग नौकरानी पर भी शक जता रहे हैं. घटना के वक्त वह परिसर के ही किसी घर में कार्यरत थी. कुछ लोगों का कहना है कि हो सकता है कि चोर पहले किसी काम से फ्लैट में आया-गया हो. बहरहाल रात तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला था. टोपी से चेहरा छुपाने का मतलब है कि चोर को कैमरे लगे होने की जानकारी थी.
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