धनबाद: राज्य का पहला आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान निरसा में खुलेगा. स्थल निरीक्षण के लिए केंद्रीय आपदा प्रबंधन की टीम 10 जनवरी को धनबाद आयेगी. इसके लिए सौ एकड़ जमीन की व्यवस्था भी कर ली गयी है. केंद्रीय मंत्रलय से उपायुक्त को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि निरसा में सौ एकड़ जमीन पर संस्थान का निर्माण किया जाना है. इसके लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के वरीय सलाहकार डॉ आरके दबे 10 को धनबाद पहुंचेंगे.
क्या-क्या होगा : इस संस्थान के लिए केंद्र सरकार ने राशि मुहैया करा रखी है. जमीन का चयन होना था. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री मन्नान मल्लिक ने निरसा में जमीन की उपलब्धता की जानकारी दी. केंद्रीय प्राधिकार की टीम इसे ओके करेगी, तभी काम शुरू होगा.
क्या होगा लाभ : यहां युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. फिर उनका नियोजन राज्य सरकार करेगी. काफी संख्या में रिक्तियां भरी जायेगी. इसमें डूबने वाले को बचाने से लेकर आग लगने पर कैसे बचाव किया जा सकता है, का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके अलावा सभी तरह की आपदा से बचाव के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी. प्रशिक्षित युवकों के लिए वेकैंसी निकलेगी.
अमूल का भी प्रोजेक्ट लगेगा
राज्य में सुधा एवं मेधा के बाद अब गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल दूध) भी सूबे में अपना प्रोजेक्ट लगाने के पक्ष में है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले सप्ताह अमूल दूध वाले और राज्य सरकार के बीच इएमयू होगा.
गाय के लिए विशेष चिप्स
राज्य में गाय के नस्ल पहचानने से लेकर उसकी बीमारी और अन्य सभी तरह की जानकारी के लिए राज्य सरकार एक नया प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इसके तहत एक चिप्स गाय के शरीर में लगा दिया जायेगा. उसे स्केन करके कम्प्यूटर पर रखा जायेगा. इससे एक और लाभ होगा कि गाय कहीं और जायेगी तो उसके बारे में भी जानकारी मिलेगी. पहले चरण में राज्य के पांच या दस जिले में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया जायेगा. फिर अन्य सभी जिले में इसे शुरू किया जायेगा. अभी इस पर पांच करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है.
बोले मंत्री मन्नान मल्लिक
डिजास्टर मैनेजमेंट संस्थान के लिए केंद्र की टीम 10 को आयेगी. जनवरी में ही काम शुरू होगा. बाकी की योजनाएं भी पाइपलाइन में है. इसी माह इसके परिणाम आने भी शुरू होंगे. मो मन्नान मल्लिक, मंत्री, मत्स्य-पशुपालन एवं आपदा प्रबंधन