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नयी पेंशन योजना का लाभ कर्मचारियों की जगह कॉरपोरेट को

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का राज्य स्तरीय कन्वेंशन में बोले आर मुत्थुसुंदरम पीएमसीएच ऑडिटोरियम में जुटे राज्य भर के सदस्य धनबाद : झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का राज्य स्तरीय कन्वेंशन पीएमसीएच के ऑडिटोरियम में रविवार को हुआ. मौके पर तमिलनाडू से आये महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर मुत्थुसुंदरम ने कहा कि केंद्र सरकार नयी पेंशन […]

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का राज्य स्तरीय कन्वेंशन में बोले आर मुत्थुसुंदरम

पीएमसीएच ऑडिटोरियम में जुटे राज्य भर के सदस्य
धनबाद : झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का राज्य स्तरीय कन्वेंशन पीएमसीएच के ऑडिटोरियम में रविवार को हुआ. मौके पर तमिलनाडू से आये महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर मुत्थुसुंदरम ने कहा कि केंद्र सरकार नयी पेंशन योजना लागू कर सरकारी कर्मचारियों की पेंशन निधि को सामाजिक सुरक्षा से हटा कर बाजारीकरण कर दी है. निजीकरण कर सुविधाओं में भारी कटौती की जा रही है. सरकारी विभागों में लाखों पद रिक्त पड़े हैं.
इन पदों पर संविदा या आउटसोर्सिंग से काम लिया जा रहा है. युवाओं का भविष्य अंधकारमय किया जा रहा है. नवल किशोर, राहुल मिश्रा आदि ने समस्याओं को विस्तार से बताया. मौके पर लक्ष्मी कांत झा, लोकेश, लालदेव मिश्रा, वासुदेव पांडेय, कामदेव राय, लक्ष्मीकांत झा आदि मौजूद थे. सबसे पहले राज्याध्यक्ष नवीन चौधरी ने झंडोत्तोलन किया. शहीद वेदी पर माल्यार्पण किया गया. कन्वेंशन से पहले एक अध्यक्ष मंडल बनाया गया,
जिसमें विकास चंद्र मिश्रा, इंद्रासन देवी व नवीन चौधरी शामिल थे. स्वागत भाषण नवल किशोर सिंह व राहुल मिश्रा ने दिया. इससे पहले मोटरसाइकिल जुलूस निकाला गया.
सातवां वेतन आयोग कर्मचारी विरोधी : सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा पूर्णत कर्मचारी विरोधी है. इसके तहत मात्र 14.22 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की बात कही गयी है. यह अनुशंसा 10 वर्षों के आयी है, जबकि आप सभी जानते हैं कि सरकार महंगाई रोकने में विफल है. मात्र एक वर्ष में हमें महंगाई भत्ता के रूप में 10 से 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाता है. इसमें 52 प्रकार के भत्ते समाप्त कर दिये गये हैं. मकान भत्ता भी कम कर दिया गया है.
यह लागू होने पर सरकार को एक लाख दो हजार करोड़ खर्च होगा, जबकि सरकार ने 15 हजार करोड़ का ही प्रावधान बजट में किया है. कर्मचारियों के वेतन में न्यूनतम व अधिकतम में काफी अंतर रखा गया है. वहीं कर्मचारियों को अच्छा रिकोमेंट पर ही प्रोन्नति देने की बात का हम विरोध करते हैं.
राज्य सरकार कर्मचारी विरोधी : रामाधार
महामंत्री रामाधार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारी विरोधी है. 27.1.2009 को 13 बिंदुओं पर लिखित समझौता हुआ था. मात्र एक बिंदु लागू कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. विसंगति, मुफ्फसिल सहायकों का वेतन, नर्सिंग भत्ता, पेंशन भत्ता व शिक्षण भत्ता अभी तक लागू नहीं किया गया है. एसीपी-एमसीपी, सेवा संपुष्टि, वर्ग चार से तीन में प्रोन्नति, अनुबंध पर कार्यरत कर्मी को नियमित करना भी लागू नहीं किया गया है. आगे महासंघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा.

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