धनबाद: मैट्रिक व 12वीं के रिजल्ट आने लगे हैं. इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए बच्चों का नामांकन बड़े संस्थानों में होता है. इसमें काफी फीस लगती है. उच्च शिक्षा के लिए बच्चों के परिजन अब काफी संख्या में एजुकेशन लोन ले रहे हैं. इससे बच्चे देश में ही नहीं विदेश में भी पढ़ाई कर सकते हैं. बैकों की इस सुविधा के कारण मेधावी बच्चे अब अपने पसंद के संस्थान में महंगी पढ़ाई भी पूरी कर पा रहे हैं.
आइआइटी, आइआइएम जैसे संस्थानों में पढ़ाई के लिए बैंक ब्याज दर में छूट देती है. साथ ही छात्राओं को ब्याज दर में आधा से एक प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है. सामान्यत: बैंकों में एजुकेशन लोन के लिए 11-14 प्रतिशत तक ब्याज लिया जा रहा है.
कितना लोन : देश में पढ़ाई के लिए अधिकतम 10 लाख, विदेशों में पढ़ाई के लिए अधिकतम 30 लाख रुपये
ऋण वापसी : कोर्स समाप्ति के एक साल बाद या नौकरी लगने के छह माह बाद से ऋण वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. सामान्यत: बैंक ऋण वापसी के लिए पांच से सात साल तक की अवधि तय करते हैं. पढ़ाई की अवधि के दौरान ब्याज की राशि जमा करते रहने पर बैंकों द्वारा छूट दी जाती है.