झरिया : झरिया कोयलांचल एक प्रमुख धार्मिक स्थल के नाम से भी प्रसिद्ध है लाल बाजार स्थित श्रीश्याम मंदिर. यह राजस्थान की तरह बना श्रीश्याम प्रभु का भव्य व जागृत मंदिर धर्मप्रेमियों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु श्रीश्याम प्रभु के दर्शन कर मुरादें मांगते हैं. खाटूधाम के बाद श्रीश्याम फाल्गुन महोत्सव के दौरान सबसे ज्यादा धर्मप्रेमी झरिया स्थित श्रीश्याम मंदिर में जुटते हैं.
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि से तीन दिनों तक पूरा झरिया शहर श्याममय हो जाता है. झरिया में फाल्गुन महोत्सव के समय निकलने वाली भव्य निसान शोभा यात्रा खाटूधाम को छोड़ कर शायद ही कहीं निकलती है. हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष, बच्चे व युवती इस शोभायात्रा में उपवास रहकर मीलों पैदल चलते हैं. शोभा यात्रा में झरिया के श्याम भक्तों के अलावा धनबाद, गोविंदपुर, महुदा, कतरास, आसनसोल, नियामतपुर, रानीगंज, वर्णपुर, पुरुलिया, बराकर, भोजूडीह, बोकारो आदि क्षेत्रों से धर्मप्रेमी सैकड़ों की संख्या में निसान लेकर पैदल आते हैं.
इस वर्ष 18 मार्च को यहां श्रीश्याम प्रभु की भव्य निसान शोभा यात्रा निकाली जायेगी. झरिया के श्रीश्याम मंदिर में निसान अर्पित करने वालों की संख्या किस तरह से लगातार बढ़ती जा रही है, इसका अंदाज यहां प्रतिवर्ष चढ़ने वाले श्याम निसान से लगाया जा सकता है. पहली बार झरिया में जब श्रीश्याम फाल्गुन महोत्सव का आयोजन हुआ था, तो उस समय यहां केवल 51 निसान चढ़े थे. पिछले वर्ष इसकी संख्या 2950 से भी अधिक हो गयी. इस वर्ष करीब 35 सौ निसान अर्पित किये जाने की संभावना है. निसान अर्पित करने के लिए झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि राज्यों से धर्मप्रेमी आते हैं.
इसको लेकर मंदिर पुजारी कैलाश पांडेय द्वारा 18 मार्च को निसान पूजा करायी जायेगी. उसके बाद दोपहर में निसान शोभा यात्रा निकाली जायेगी. दूसरे दिन बाबा का अभिषेक, भव्य श्रृंगार, अखंड ज्योत, बाहर से आये प्रसिद्ध कीर्तन भजन मंडलियों द्वारा सुबह तक भजन कीर्तन किया जाता है. तीसरे दिन मंगला आरती, छप्पन भोग, भजन कीर्तन, रात में पूर्णाहुति होगी.