धनबाद: पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार चौधरी वित्तीय अनियमितता एवं पद के दुरुपयोग मामले में फंस गये हैं. उपायुक्त ने प्राचार्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. जल्द ही उन पर कार्रवाई संभव है.
क्या है पूरा मामला : पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार चौधरी पर लगे वित्तीय अनियमितता एवं अन्य आरोपों की जांच स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर उपायुक्त ने दो बार करायी. एक बार तत्कालीन डीडीसी रतन गुप्ता ने किया. दूसरी बार वर्तमान डीडीसी दिनेश चंद्र मिश्र ने की. जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी गयी. पत्रंक 2785/ दिनांक 15.11.2013 के जरिये डीसी ने यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को अपनी टिप्पणी के साथ अग्रसारित की है. डीडीसी की जांच रिपोर्ट भी संलगA की गयी है.
क्या -क्या लगे आरोप : प्राचार्य पर फारमाकोलॉजी विभाग के प्रमुख के पद त्याग को खुद प्राचार्य के रूप में सत्यापित करने के आरोप को जांच पदाधिकारी एवं डीसी ने सही ठहराया है. डॉ. चौधरी पर प्राचार्य बनने के बाद भी 15 माह तक प्रोफेसर की वेतन परची से ही वेतन निकासी के आरोप को जांच में गलत पाया गया है. डीसी ने लिखा है कि नये पदभार लेने के बाद प्राचार्य को महालेखाकार से नयी वेतन परची प्राप्त कर ही वेतन निकासी करनी चाहिए थी. रिपोर्ट में प्राचार्य के इस कार्रवाई को गैर जिम्मेदाराना करार दिया गया है. इसे पद का दुरुपयोग माना गया है.
आवास जजर्र होने का दावा गलत : प्राचार्य पर सरकारी वाहन होने के बावजूद 13 दिनों का परिवहन भत्ता लेने आरोप है. इस मामले में डा. चौधरी ने कहा कि उन्होंने इस मद में ली गयी राशि को वापस कर दिया है.
इस कारण इस आरोप से उन्हें बरी कर दिया गया. जांच में प्राचार्य के इस दावा को गलत बताया गया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि प्राचार्य के लिए आवंटित आवास जजर्र है. वह रहने लायक नहीं.
विभागीय कार्रवाई की तैयारी : अधिकृत सूत्रों के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. इस मामले की जांच रिपोर्ट तलब की गयी है. सूत्रों के अनुसार इसी माह प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
मेरी ओर से कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है. इस मामले में सरकार को अपना लिखित पक्ष दे चुका हूं. प्रशासनिक जांच रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है.
डा. अरुण कुमार चौधरी, प्राचार्य, पीएमसीएच, धनबाद.
दो लाख रुपये की अवैध निकासी
प्राचार्य पर सबसे गंभीर आरोप सरकारी आवास आवंटित होने के बावजूद उसमें नहीं रहने तथा चिरकुंडा स्थित तालडांगा हाउसिंग कॉलोनी में निजी मकान रहने के बावजूद मकाना भाड़ा वसूलने का है. जांच में पाया गया कि अगस्त 2010 से जून 2011 तक प्रति माह 10,954 रुपये की दर से किराया वसूला. कुल एक लाख 93 हजार,791 रुपये की निकासी आवास भाड़ा के रूप में हुई, जिसे जांच अधिकारी डीडीसी एवं डीसी ने गलत करार दिया है. जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से इसे वित्तीय अनियमितता करार दिया गया है. डीसी ने लिखा है कि प्राचार्य का तर्क गलत है. बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के यह निकासी गलत एवं घोर वित्तीय अनियमितता का परिचायक है.