घोषणा पर अमल होने से लोगों को प्रदूषण से काफी हद तक मिलेगी निजात
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जिले में नो कार डे की घोषणा हवा-हवाई
घोषणा पर अमल होने से लोगों को प्रदूषण से काफी हद तक मिलेगी निजात धनबाद : शहर जाम से त्रस्त है. हर साल छोटे-बड़े 41 हजार वाहन बढ़ रहे हैं. प्रदूषण मानक से अधिक है. जाम से मुक्ति व पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सप्ताह में एक दिन नो […]
धनबाद : शहर जाम से त्रस्त है. हर साल छोटे-बड़े 41 हजार वाहन बढ़ रहे हैं. प्रदूषण मानक से अधिक है. जाम से मुक्ति व पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सप्ताह में एक दिन नो कार डे की घोषणा की थी. लेकिन फिर बात आगे नहीं बढ़ी. न तो वे कभी पैदल निगम आये और न ही निगम के आला अधिकारी. नो कार डे की पहल होती तो प्रदूषण से राहत तो मिलती ही, पेट्रोल-डीजल के पैसे को विकास में खर्च किया जा सकता.
क्या थी योजना
शहरी विकास मंत्रालय का तीन दिवसीय अरबन मोबिलिटी कांफ्रेंस 23 नवंबर 2015 को दिल्ली में हुआ था. शहर में वाहनों का लोड कम करने के लिए सप्ताह में एक दिन वाहन का उपयोग नहीं करने व साइकिल या पैदल ऑफिस आने की परंपरा को विकसित करने पर बल दिया गया. साइकिल के लिए अलग से ट्रैक बनाने, इलेक्ट्रिक स्कूटर व ई रिक्शा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने पर जोर दिया गया था. मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल कांफ्रेंस में भाग लेने गये थे. उन्होंने नो कार डे की घोषणा की थी. देश के कई शहरों में इस पर अमल हो भी रहा है.
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