17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिंकी के हौसले को सलाम

धनबाद: जिस बचपन को हर गम से बेगाना, सभी तरह की जिम्मेदारियों-परेशानियों से मुक्त माना जाता है, उसी बचपन की नयी परिभाषा गढ़ रही है रिंकी. स्कूल जाना, सहेलियों के साथ खेलना, मौज-मस्ती करना, आसमान में उड़ने की इच्छा पालना, 14 वर्ष की रिंकी के बचपन में इन बातों के लिए कोई जगह नहीं. उसका […]

धनबाद: जिस बचपन को हर गम से बेगाना, सभी तरह की जिम्मेदारियों-परेशानियों से मुक्त माना जाता है, उसी बचपन की नयी परिभाषा गढ़ रही है रिंकी. स्कूल जाना, सहेलियों के साथ खेलना, मौज-मस्ती करना, आसमान में उड़ने की इच्छा पालना, 14 वर्ष की रिंकी के बचपन में इन बातों के लिए कोई जगह नहीं. उसका सपना है-दो बड़ी बहनों की अच्छी तरह शादी हो जाये. जी हां, रिंकी ने बीमार पिता की मौत के बाद अपने परिवार की जिम्मेदारी उठायी है.

अपने पिता की ओर से खोली गयी साइकिल मरम्मत की दुकान में रिंकी को साइकिलों के टायर खोलकर ट्यूब का पंक्चर बनाने से लेकर सर्विसिंग के सारे काम करते देखा जा सकता है. इसी से रिंकी अपने परिवार का खर्च चला रही है. धनबाद शहर से सटे गोधर मोड़ स्थित विजया साइकिल रिपेयरिंग शॉप के सहारे रिंकी ने अपने स्वर्गवासी पिता की अधूरी जिम्मेदारियों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है. 30 वर्ष पूर्व रिंकी के पिता रोजगार की तालाश में यूपी के जौनपुर से धनबाद आये थे. जहां परिवार के भरण-पोषण के लिए गोधर मोड़ पर एक विजया साइकिल रिपेयरिंग शॉप खोली.

रिंकी जब स्कूल से आती थी, तो पिता की साइकिल दुकान में उनके काम में हाथ बंटाती थी. धीरे-धीरे रिंकी ने साइकिल रिपेयरिंग के सभी काम अच्छी तरह से सीख लिये. पिता से सीखा हूनर आज परिवार के काम आ रहा है. 3 सितंबर, 2015 को टीबी की बीमारी से पिता की मौत हो गयी. सिर से पिता का साया उठ जाने के दर्द के बीच रिंकी ने परिवार के भरण-पोषण के लिए साइकिल दुकान संभाला. छह बहनों में रिंकी सबसे छोटी है. कोई भाई नहीं. तीन बहनों की शादी पिताजी ने कर दी है. दो बड़ी बहनों की शादी होनी है और रिंकी इसे अपनी जिम्मेदारी मानती है. गोधर के नेपाल रवानी मीडिल स्कूल में सातवीं की छात्रा रिंकी बताती है-घर में मां गीता देवी, बड़ी बहनें मोनी कुमारी व पिंकी कुमारी हैं. मेरी दोनों बहनों की शादी भी करनी है और घर का खर्च भी चलाना है. इसका एकमात्र सहारा मेरे पिता की यह साइकिल दुकान है. इसे मैं और भी अच्छा बनाऊंगी. पिताजी ने जो जिम्मेदारियां छोड़ी हैं, उसे निभाऊंगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें