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धनबाद स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे
धनबाद: पठानकोट हमले के बाद जहां पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी है, धनबाद स्टेशन का सुरक्षा इंतजाम भगवान भरोसे है़ रेलवे स्टेशन के प्रवेश व निकास द्वार पर सुरक्षा नाम की चीज देखने को नहीं मिलेगी. रेलवे ने न तो सीसीटीवी कैमरे लगाये हैं, न ही स्कैनर व मेटल डिटेक्टर डोर. असामाजिक तत्व […]
धनबाद: पठानकोट हमले के बाद जहां पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी है, धनबाद स्टेशन का सुरक्षा इंतजाम भगवान भरोसे है़ रेलवे स्टेशन के प्रवेश व निकास द्वार पर सुरक्षा नाम की चीज देखने को नहीं मिलेगी. रेलवे ने न तो सीसीटीवी कैमरे लगाये हैं, न ही स्कैनर व मेटल डिटेक्टर डोर. असामाजिक तत्व स्टेशन पर कहीं से भी प्रवेश या निकल सकते हैं. कहने को धनबाद स्टेशन राज्य का एक मात्र ए श्रेणी का स्टेशन है, लेकिन सुविधा व सुरक्षा के नाम पर यह फिसड्डी है.
गुजरती हैं कई जोड़ी ट्रेनें : धनबाद स्टेशन से लगभग 60 जोड़ी एक्सप्रेस व सुपर फास्ट ट्रेनें गुजरती हैं. 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन व दो दर्जन से ज्यादा मालगाड़ी का परिचालन होता है़ प्रतिदिन धनबाद स्टेशन से साधारण टिकट व आरक्षण टिकट पर लगभग 18 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं. हावड़ा-नयी दिल्ली रूट होने के कारण यह स्टेशन काफी व्यस्त रहता है. राजधानी एक्सप्रेस, दुरंतो, युवा सहित कई गाड़ियां यहां से गुजरती हैं. धनबाद स्टेशन में प्रवेश के लिए सिर्फ एक द्वार नहीं, बल्कि कई द्वार हैं. गया पुल, कट पुल, नया बाजार व पुराना बाजार, किसी भी तरफ से धनबाद स्टेशन पर आसानी से जा सकते हैं.
बिना जांच बुक होते हैं पार्सल : स्टेशन पर बिना जांच के ही पार्सल बुक किया जाता है. बड़ी-बड़ी पेटी, डब्बा व बोरा में क्या आ-जा रहा है, इसका पता करने की चिंता न तो पार्सल बाबू को होती है, न ही रेलवे अधिकारियों को. 12 जवानों के भरोसे पूरा स्टेशन : स्टेशन परिसर में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है. आरपीएफ व जीआरपी 24 घंटे 12 जवानों के भरोसे सुरक्षा करती है. प्रवेश द्वार पर कभी भी जवान की तैनाती नहीं रहती है. सीसीटीवी के नाम पर आरक्षण कार्यालय व साधारण टिकट घर में कैमरे लगाये गये हैं. आरक्षण कार्यालय में लगा सीसीटीवी कैमरा सिर्फ लोगों का चेहरा देखने के काम आता है़ आज तक सीसीटीवी कैमरा से टिकट दलाल की पहचान तक नहीं हो पायी.
धनबाद स्टेशन की संपूर्ण सुरक्षा के लिए एकीकृत सुरक्षा प्रणाली प्रस्तावित है. वर्तमान में उपलब्ध मानव संसाधन, इंटिलिजेंस, स्वान दस्ता, अपराध आैर सूचना शाखा, सरप्राइज चेकिंग व अन्य चेकिंग आदि लगातार होते हैं. सुरक्षा की चुनौती में लगातार सुधार किया जा रहा है.
डॉ एएन झा, सीनियर रेल कमांटेंड
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