धनबाद: कोल इंडिया का भविष्य अच्छा नहीं है. कोल ब्लॉक निजी हाथों को दिये जा रहे हैं. अधिकारियों की संख्य बढ़ रही है, जबकि कर्मियों की घट रही है. नयी बहाली बंद है. केंद्र सरकार कोल इंडिया को निजी हाथों में देने की साजिश कर रही है. ये बातें भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ वसंत कुमार राय ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कही. कहा कि कोल इंडिया की पुरानी खदानों की हालत ठीक नहीं है.
जरूरत के मुताबिक उत्पादन नहीं हो रहा है. विदेशों से कोयला मंगाया जा रहा है. सरकार जिन कोल ब्लॉकों को निजी हाथों को दिया, उससे भी उत्पादन शुरू नहीं हुआ. डॉ राय ने कहा कि ट्रेड यूनियनें संक्रमण के दौर से गुजर रही हैं. जुझारूपन खत्म हो गया है. मजदूरों का विश्वास घटता जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएसयू में छंटनी हो रही है और आउटसोर्सिंग बढ़ती जा रही है. ठेका और आउटसोर्सिग बंद होनी चाहिए. ठेका मजदूरों को न्यूनतम 11 हजार रुपये मिलना चाहिए. रिटायरमेंट के बाद कम से कम तीन हजार पेंशन मिलनी चाहिए. भामसं नेता ने कहा कि झारखंड में मनरेगा मजदूरों की स्थिति दयनीय है. जॉब कार्ड के बाद पैसा नहीं मिल रहा है. यह कांग्रेस की अति महत्वाकांक्षी योजना है. केंद्र एवं झारखंड में उसके समर्थन की सरकार है. यह स्थिति कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात है.
मनरेगा में गबन हो रहा है. राज्य सरकार मनरेगा में व्याप्त समस्या समाधान करे. डॉ राय ने बताया कि सभी यूनियनों का 12 दिसंबर को संसद मार्च है. इसके बाद भामसं ने 18 को जंतर-मंतर पर धरना एवं 19 दिसंबर को संसद भवन के समक्ष प्रदर्शन करेगा. मौके पर हरि लाला साव, मकरू महतो, सुरेंद्र सिंह, नीरज सिंह, प्रवीण झा, रमेश चौबे आदि थे.