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ढुलू महतो, संजीव सिंह और एलबी को चाहिए हथियार

धनबाद: धनबाद के अाम और खास लोगों के अलावा राजनेताओं, कारोबारियों को भी आर्म्स चाहिए. झरिया विधायक संजीव सिंह, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल के बेटे धरनीधर मंडल व पोते विश्वजीत मंडल ने आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन दे रखे हैं. आवेदन पर उचित माध्यम से कार्रवाई हो रही है. 2015 में […]

धनबाद: धनबाद के अाम और खास लोगों के अलावा राजनेताओं, कारोबारियों को भी आर्म्स चाहिए. झरिया विधायक संजीव सिंह, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल के बेटे धरनीधर मंडल व पोते विश्वजीत मंडल ने आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन दे रखे हैं. आवेदन पर उचित माध्यम से कार्रवाई हो रही है. 2015 में केवल एक शख्स शराब कारोबारी योगेश शिवहरे को पिस्टल का लाइसेंस मिला है. बाकी का मामला पेंडिंग है.
जानकारी के अनुसार ढुलू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो, संजीव सिंह के संबंधी संतोष सिंह व संजय सिंह (बोरार्गढ़), डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के भाई अभिषेक सिंह, कांग्रेस नेता अनंत नाथ सिंह के बेटे मृगेंद्र प्रसाद सिंह, आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक लाल बहादुर सिंह, कुंभनाथ सिंह, शराब कारोबारी योगेश शिवहरे की पत्नी अर्चना शिवहरे, सुरेश हत्याकांड के गवाह देवेंद्र सिंह की पत्नी अमृता सिंह, मासस नेता निताई महतो ने हथियार लाइसेंस के लिए वर्ष 2015 में डीसी के यहां आवेदन दिये हैं. किसी को रााइफल, किसी को बंदूक तो किसी को रिवाल्वर चाहिए.
पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो के बेटे दिनेश महतो, धनबाद के पूर्व प्रखंड प्रमुख मनोज कुमार महतो, डेको के प्रोपराइटर मनोज अग्रवाल, डायरेक्टर अमरेंद्र नारायण झा, ट्रांसपोर्टर राम मोहन सिंह के बेटे संजय सिंह, कारा अधीक्षक सुधीरचंद्र झा के बेटे राकेश चंद्र, पार्षद प्रियंका देवी के पति उचित महतो ने भी हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन दे रखे हैं.
लाइसेंस के लिए लंबी प्रक्रिया
आर्म्स लाइसेंस के लिए पहले आवेदन डीसी को देना पड़ता है. आवेदन के साथ आयकर रिटर्न की प्रति, पता सत्यापन से संबंधित कागजात देने पड़ते हैं. डीसी ऑफिस से आवेदन एसपी को भेजा जाता है. एसपी संबंधित थानेदार को भेजकर मंतव्य मांगते हैं. आवेदक को आर्म्स क्यों चाहिए? उनकी जान पर खतरा, थाना में खतरा संबंधी कोई केस के साथ-साथ थाना स्तर से आवेदक के चरित्र व हथियार की आवश्यकता पर टिप्पणी के साथ आवेदन इंस्पेक्टर व डीएसपी के माध्यम से एसपी के पास आता है. एसपी आवेदन पर एसडीएम से कमेंट मांगते हैं. एसडीएम अंचलाधिकारी से आय संबंधी जांच कराकर आवेदन को एसपी के पास भेज देते हैं. एसपी आवेदन को डीसी को लौटा देते हैं. रायफल का लाइसेंस डीसी निर्गत करते हैं. रिवाल्वर के लिए आवेदन को कमिश्नर को भेजा जाता है. आवेदक के बारे में स्पेशल ब्रांच की जांच रिपोर्ट भी जरूरी होती है.

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