धनबाद: केंद्रीय श्रमिक संगठनों की सदस्यता का सत्यापन इंटक की गुटबाजी में उलझ गया है. इंटक के ददई एवं तिवारी गुट ने सदस्यता के सत्यापन को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कानूनी पेच में फंसा दिया है.
31 दिसंबर 2011 की सदस्यता के आधार पर कुल 15 ट्रेड यूनियनों ने सदस्यता के सत्यापन का दावा किया़ जांच में तीन यूनियनों का दावा खारिज कर दिया गया. शेष 12 यूनियनों में से इंटक के तीन गुट रेड्डी, दुबे और तिवारी ने अलग-अलग दावा किया. रेड्डी गुट ने 3,33,54,677, दुबे गुट ने 3,35,00,610 और तिवारी गुट ने तीन करोड़ 33 लाख सदस्य होने का दावा किया़.