इधर, शुक्रवार को शमीम के आवास में दिन भर मीडियाकर्मियों एवं ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा. ग्रामीण एक-दूसरे से शमीम के बारे में जानकारी लेते देखे गये. शमीम पांच भाई एवं चार बहनों में तीसरे नंबर पर है.
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बरवाअड्डा : हैरान व दुखी हैं शमीमुज्जमां के गांव के लोग
बरवाअड्डा. पंजनिया गांव समेत मरिचो पंचायत के विभिन्न गांवों-टोलों के लोग शुक्रवार को गुस्से में दिखे. सभी का कहना था कि बिना किसी सबूत के शमीमुज्ज्मां उर्फ शमीम पर आंतकी संगठन इसलामिक स्टेट से जुड़े होने का शक करना दुर्भाग्यपूर्ण है. आइबी व खुफिया विभाग के अधिकारियों ने कई दिनों पूर्व आकर शमीमुज्ज्मां से पूछताछ […]
बरवाअड्डा. पंजनिया गांव समेत मरिचो पंचायत के विभिन्न गांवों-टोलों के लोग शुक्रवार को गुस्से में दिखे. सभी का कहना था कि बिना किसी सबूत के शमीमुज्ज्मां उर्फ शमीम पर आंतकी संगठन इसलामिक स्टेट से जुड़े होने का शक करना दुर्भाग्यपूर्ण है. आइबी व खुफिया विभाग के अधिकारियों ने कई दिनों पूर्व आकर शमीमुज्ज्मां से पूछताछ की थी. उसके बाद आज अचानक उसके आतंकी होने की अफवाह फैली. इसे पूरे गांव की बदनामी हुई. इस अफवाह के पीछे जो भी लोग हैं, वे गलत हैं.
इधर, शुक्रवार को शमीम के आवास में दिन भर मीडियाकर्मियों एवं ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा. ग्रामीण एक-दूसरे से शमीम के बारे में जानकारी लेते देखे गये. शमीम पांच भाई एवं चार बहनों में तीसरे नंबर पर है.
बीच-बीच में बात करता था शमीम : शमीम के छोटे भाई ग्यासुद्दीन अंसारी ने बताया कि भैया मिस्र पढ़ाई करने गया था. कभी-कभी फोन में बात भी करता था. बातचीत में कभी ऐसा नहीं लगा कि वह गलत काम में संलिप्त है.
ग्रामीण काफी दुखी, गांव की हुई बदनामी : इधर, शमीम के आतंकी होने के शक संबंधी खबर सुन कर ग्रामीण मर्माहत एवं दुखी हैं. ग्रामीण जलालुद्दीन अंसारी, वसीर अंसारी एवं नियाज अंसारी ने बताया कि बचपन से ही शमीम पढ़ने में तेज था. आतंकवादी से संबंध होने के शक होने की खबर सुन कर हैरान हैं. इस तरह की खबर आने के बाद हमारे गांव की बदनामी हुई है. हम ग्रामीण सच्चाई का साथ देंगे. शमीम की चाची लालबानू बीवी, भाभी हसीना बीवी, समीना बीवी, सकीना बीवी काफी दुखी एवं परेशान दिखी.
आरोप सुन कर हैरान हूं
शमीम के बड़े भाई पान बाबू अंसारी ने बताया कि हमलोगों का मुख्य पेशा खेती है. चार भाई गांव में रह कर खेती करते हैं, दूसरे नंबर का भाई आजाद बरवाअड्डा स्थित मिल्लत नगर में रहता है और अपना कारोबार करता है. असमय माता-पिता की मौत हो जाने के बाद शमीम बीच में पढ़ाई एवं गांव छोड़ कर मुंबई चला गया. वहां काफी दिनों तक मुंबई में रहने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मिस्र चला गया. एक सप्ताह पूर्व ही वह घर लौटा है. तीन दिन पूर्व ही स्थानीय चौकीदार व सादे लिबास में आये दो लोग शमीम को खोज रहे थे. शमीम के घर में नहीं रहने की बात कहने पर उसे थाना भेजने को कह कर चले गये. मेरा भाई सीधा-साधा है. उस पर यह आरोप सुन कर हैरान हूं.
ऐसा सपने में भी नहीं सोच सकता : हजरत
मरिचो के सामाजिक कार्यकर्ता हजरत अंसारी इस तरह की सूचना से काफी दुखी हैं. वह कहते हैं कि शमीम के परिवार की गांव में इज्जत है. बंशी मियां के सभी लड़के काम कर खाते हैं. इधर-उधर से कोई मतलब नहीं रहता है. शमीम चरक पत्थर मदरसा में पढ़ता था. इसी बीच बाहर चला गया. बीच-बीच में कभी चर्चा होती तो पता चलता कि बाहर पढ़ रहा है. वह लड़का आतंकी है, ऐसा सपने में भी नहीं सकता.
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