धनबाद: एड्स जिले में तेजी से पांव पसार रहा है. इस वर्ष नौ माह में 121 एड्स के नये मरीज मिले. अधिकांश मरीजों की उम्र 25-35 के बीच है. यह आंकड़े पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थापित संभावित परामर्श एवं जांच केंद्र(आइसीटीसी) के हैं. आइसीटीसी केंद्र के अनुसार जनवरी से नवंबर (वर्तमान) तक 9,900 मरीजों की जांच की गयी. इसमें से 121 लोग एड्स पीड़ित पाये गये. केंद्र में हर दिन करीब 40-50 लोग आते हैं. यहां काउंसेलिंग के बाद जरूरत के आधार पर एचआइवी जांच करायी जाती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पीएमसीएच के पूर्व प्रिंसिपल व प्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ केएन मित्तल के अनुसार पश्चिमी सभ्यता, रहन-सहन आदि के कारण ऐसी बीमारियां तेजी से अपना पांव पसार रही है. एक ओर अनपढ़ मजदूर, ट्रक ड्राइवर जागरूकता के अभाव में रेड लाइट एरिया में चले जाते हैं. उन्हें इस बीमारी का अंदाज नहीं होता, तो दूसरी ओर पढ़े लिखे लोग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाजारों में तेजी से अश्लील फिल्में, गानें, वीडियो की बिक्री हो रही है. इंटरनेट में तरह-तरह की अश्लील चीजें परोसी जा रही है. यह सब सेक्सुअल पार्ट को उत्तेजित करता है. मन को भटका देता है. और लोग अवैध संबंध स्थापित करने लगते हैं. अंतत: वह एड्स के मरीज बन जाते हैं. बंगाल के आसनसोल व सीतारामपुर जैसे रेड लाइट एरिया सटे होने से भी लोग वहां चले जा रहे हैं.
केंद्र में होती है नियमित जांच : डा शरण
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डा शियावर शरण के अनुसार केंद्र में नियमित जांच की जाती है. जांच तीन चरणों से होकर गुजरती है, तब जाकर एचआइवी कंफर्म किया जाता है. जांच में पूरी तरह से गोपनीयता बरती जाती है.
लोग बाहर से लेकर आते हैं रोग
पुटकी (धनबाद) का एक युवक छह वर्ष पहले मुंबई कमाने गया था. इस बीच उसकी शादी हो गयी. पत्नी को घर पर छोड़ कर छह माह के लिए मुंबई जाता फिर वापस आ जाता. यह सिलसिला चलता रहा. उसे पेशाब करने में जलन होने लगी. शरीर सूखने लगा. पीएमसीएच स्थित केंद्र में जांच कराने पर पचा चला, उसे एड्स हो गया है. इसके बाद उसकी पत्नी भी बीमार रहने लगी. उसे भी जांच के लिए केंद्र लाया गया, वह भी इस बीमारी की चपेट में आ गयी.