धनबाद : लंबे समय से लंबित चिकित्सकों की मांगें सरकार पूरी कर रही है. प्रोन्नित, बहाली, स्थायी नियुक्ति इस साल सभी हुए. अब चिकित्सकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. केवल हाजिरी बनाकर गायब रहने से काम नहीं चलेगा. हम आपलोगों को सहयोग कर रहे हैं, तो आपलोगों को भी सरकार को सहयोग करना होगा.
डॉक्टरी सबसे मेहनत वाला पेशा है. बीए पास कर जहां कोई आइएएस अधिकारी बन जाता है, वहीं डॉक्टरी के लिए आधी उम्र गंवा देनी पड़ती है. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कही. वे कोयलानगर कम्युनिटी हॉल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के नेशनल प्रोग्राम अकादमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिस्ट के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड की आबादी तीन करोड़ 25 लाख है,
लेकिन आबादी के हिसाब से चिकित्सक नहीं हैं. चिकित्सकों की समस्या पूरी दुनिया में हैं. मंत्री ने कहा कि आइएमए का नेशनल प्रोग्राम झारखंड में होना गर्व की बात है. स्वागत भाषण डा एके सिंह ने दिया. इस दौरान 47 चिकित्सकों को फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया.
ये थे मौजूद : पटना से आइएमए नेशनल के वाइस प्रेसिडेंट पदमश्री डा जीतेंद्र कुमार सिंह, आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा एके सिंह, डा एनके सिंह, आइएमए की वाइस प्रेसिडेंट (महिला) डा लीना सिंह, सीएस डा एके सिन्हा, पीएमसीएच प्राचार्य डा पीके सेंगर, अधीक्षक डा के विश्वास, डा जीसी वर्मा, धनबाद सचिव डा सुशील कुमार, डा मासूम आलम, हैदराबाद के डा एमएस हरिबाबू, डा मसीर आलम, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ केएन मित्तल, डा विभूतिनाथ, डा वीके पांडेय, बीसीसीएल के इडीएमएस डा अल्का उप्रेती, डा जीएस पांडेय,
मिशन अस्पताल के निदेशक डा सत्यजीत बोस, डा मेजर चंदन, डा जोगिंदर सिंह, डॉ दिनेश कुमार सिंह, डा मीता सिंह, डा मेजर चंदन, डा विकास हाजरा, डा रेखा रानी सिन्हा, डा एके चक्रवर्ती, डा राजीव अग्रवाल, डा प्रणय पूर्वे, डा बीएन गुप्ता, डा यूएस प्रसाद, डा एएम राय, डा एम नारायण, गिरिडीह से डा एलपी सिंह व डा डीसी सिन्हा,
डा एसएस दास, डा सीडी राम, डा सुनील कुमार सिन्हा, डा डीपी भूषण, डा संजय कुमार, डा लोकेश जालान, डा गायत्री सिंह, डा अमिता राय, पीएमसीएच उप प्राचार्य डा एचके सिंह, डा यूसी राय, डा राकेश इंदर सिंह, डा विजय अग्रवाल, डा सत्यम कुमार, डा राजेश कुमार, डा कैलाश प्रसाद, डा आशीष बजाज आदि.