धनबाद : महिलाओं की कई बीमारियों का समाधान होमियोपैथ चिकित्सा पद्धति में है. खानपान, दिनचर्या में बदलाव के कारण महिलाओं में मासिक की गड़बड़ी आम बात है. सामान्य से अधिक स्राव होना, पेट में दर्द होना, तिथि में बदलाव होने से महिलाएं परेशान रहती हैं. होमियोपैथ में इसके कारगर उपाये हैं. दूसरी बीमारी है स्तन में गांठ का होना. कई बार धीरे-धीरे दर्द के साथ गांठ बढ़ती है, और बाद में गंभीर रूप ले लेती है.
सर्जन को दिखाने पर कई बार चिकित्सक स्तन को ही काट देते हैं. इससे महिलाएं काफी घबरा जाती है. लेकिन होमियोपैथ में कई ऐसी दवाइयां है, जो बिना चीरफाड़ के गांठ खत्म कर देती है. कई महिलाएं इससे ठीक हो रही है. महिलाओं में एक और बीमारी आॅस्टियोपोरोसिस आम है. खासतौर पर 45 के बाद महिलाएं इसका शिकार बनती है.
मासिक बंद होने के बाद शरीर में तेजी से विटामिन डी व कैलिशियम की कमी होती है. ऐसे में पौष्टिक भोजन, संतुलित आहार जरूरी है. हमारी शरीर 30 वर्ष तक ही हड्डियां बनाती है. इसके बाद नयी हड्डियों का बनना रूक जाता है. इसलिए जो हड्डियां हैं, उसे बचाए रखना जरूरी है. होमियोपैथ में इसके बेहतर इलाज हैं. इसके साथ थायराइड, बीपी, सुगर के इलाज के लिए कई नयी दवाएं होमियोपैथ में आयी है. चर्म रोग से संबंधित दवाएं भी काफी कारगर हैं.