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आइआइएमटी निदेशक होंगे स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि

धनबाद: भारतीय खनि विद्यापीठ (आइएसएम) 9 दिसंबर 2015 को 89वां स्थापना दिवस मनायेगा. इसी दिन सिर्फ एक ब्रांच माइनिंग अप्लायड जियोलॉजी के साथ इस संस्थान की शुरुआत हुई थी. ब्रिटिश शासनकाल में लार्ड इरविन ने इस संस्थान की स्थापना की थी. अपने अब तक के सफर में आज स्टूडेंट्स की क्षमता कई गुना बढ़ कर […]

धनबाद: भारतीय खनि विद्यापीठ (आइएसएम) 9 दिसंबर 2015 को 89वां स्थापना दिवस मनायेगा. इसी दिन सिर्फ एक ब्रांच माइनिंग अप्लायड जियोलॉजी के साथ इस संस्थान की शुरुआत हुई थी. ब्रिटिश शासनकाल में लार्ड इरविन ने इस संस्थान की स्थापना की थी. अपने अब तक के सफर में आज स्टूडेंट्स की क्षमता कई गुना बढ़ कर 6652 हो चुकी है. स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि आइआइएमटी भुवनेश्वर के निदेशक होंगे. यह जानकारी कुल सचिव कर्नल (रिटायर्ड) एमके सिंह ने दी है.

क्या है तैयारी : स्थापना दिवस समारोह में संस्थान के 89 वर्षों के सफर की झलक प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित की जायेगी. साथ ही फैकल्टी व पूर्ववर्ती छात्र अपनी याद शेयर करेंगे. संस्थान के भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा होगी. इसके अतिरिक्त संस्थान के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी तैयारी कर रखी है.

एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत विदेशों से तालमेल : वर्तमान में रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा इंडस्ट्री इंटरफेस के तहत इस संस्थान का जुड़ाव न केवल देश के कई प्रसिद्ध उद्योगों के साथ है बल्कि एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दूसरे देश को स्टूडेंट्स यहां तथा यहां के स्टूडेंट्स विदेशों में जाकर एकेडमिक रिसर्च डेवलपमेंट का लाभ उठा रहे हैं.

आधारभूत संरचना में भारी बदलाव : देश के अन्य तकनीकी संस्थानों को कई मामले में पीछे छोड़ देने वाला सेंट्रल लाइब्रेरी, स्टूडेंट्स एक्टिविटी सेंटर, स्विमिंग पुल, स्टूडेंट्स की क्षमता को देखते हुए 1000 बेड का गर्ल्स हॉस्टल, 2000 बेड का ब्वॉय हॉस्टल तथा 120 फाइव टाइप फ्लैट्स तथा 60 सिक्स टाइप फ्लैट्स निर्माणाधीन हैं. आइआइटी के लिहाज से संस्थान को 9 एकड़ भूमि झारखंड सरकार की ओर से मिल चुकी है. 166 एकड़ भूमि और मिलने वाली है. इंडस्ट्री इंटरफेस के तहत संस्थान ने कोलकाता में हाल ही में अपना नया सेंटर स्थापित किया है. दिल्ली में भी सेंटर खोलने के लिए भूमि ली जा चुकी है.

रिसर्च एंड डेवलपमेंट की उपलब्धियां : इस क्षेत्र में ओवर ऑल ग्रोथ 2011-12 में हुई 23 प्रतिशत से बढ़कर 190 प्रतिशत हो चुकी है. इस दौरान रिसर्च पब्लिकेशन में भी भारी इजाफा हुआ है. 2010 में जहां रिसर्च पब्लिकेशन एंड बुक्स कंट्रिब्यूशन जहां 158 थी, वह 2014-15 में बढ़ कर 471 पहुंच चुकी है. यही नहीं नहीं पीएचडी डिग्री अवार्ड जो 2010 में केवल 22 मिली थी, उसमें भी लगातार इजाफा हुआ है. यह 2014-15 में बढ़ कर 86 हो चुकी है.

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