धनबाद: हजारीबाग में विश्वविद्यालय बनने के बाद धनबाद, बोकारो व गिरिडीह के छात्रों के हित में धनबाद के पीके राय कॉलेज में विवि का एक्सटेंशन काउंटर देने की योजना थी. काउंटर दिया भी गया, लेकिन वह चल नहीं सका. छात्र संगठनों की निष्क्रियता के कारण उक्त योजना खटाई में पड़ गयी. उसी समय अगर विरोध कर उसे ठीक कराया जाता तो विश्वविद्यालय यहां न होने की कमी शायद नहीं खलती.
पीजी सेंटर भी ठंडे बस्ते में : स्टूडेंट्स हित में पीजी की पढ़ाई को सेंट्रलाइज करने के लिए पीजी केंद्र बनाने की भी योजना बनी. उक्त योजना अभी भी समाप्त नहीं हुई बल्कि लटकी हुई है. इसके लिए सरकार से जमीन भी मिली है.
यह भी थी सोच : डेपुटेशन पर आये कर्मियों का सपना था कि पोस्ट स्वीकृत हो जाने पर वह विश्वविद्यालय के कर्मी घोषित हो जायेंगे. उन्हें पद व अर्थ लाभ दोनों होगा. लेकिन वह ठगा महसूस कर रहे हैं, उन पर काम का लोड तो बढ़ा, बदले में मिला कुछ भी नहीं.
क्या है जरूरी : छात्रहित में जरूरी है कि विभावि की व्यवस्था ठीक किया जाये, धनबाद एक्सटेंशन काउंटर खुले व सेंट्रलाइज हो पीजी केंद्र या फिर धनबाद में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उठ रहे आवाज पर विचार किया जाये.