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छठ तालाबों की सफाई शुरू कराये बीसीसीएल : राज
धनबाद : विधायक राज सिन्हा ने बीसीसीएल प्रबंधन से छठ घाटों एवं क्षेत्रों की सफाई शुरू कराने की मांग की है. विधायक ने मंगलवार को बीसीसीएल के डीपी वीके पांडा से फोन पर कहा कि छठ नजदीक है. सफाई शुरू नहीं करायी गयी है. उन्होंने डीपी से सभी जीएम को तत्काल सफाई शुरू कराने के […]
धनबाद : विधायक राज सिन्हा ने बीसीसीएल प्रबंधन से छठ घाटों एवं क्षेत्रों की सफाई शुरू कराने की मांग की है. विधायक ने मंगलवार को बीसीसीएल के डीपी वीके पांडा से फोन पर कहा कि छठ नजदीक है.
सफाई शुरू नहीं करायी गयी है. उन्होंने डीपी से सभी जीएम को तत्काल सफाई शुरू कराने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया. बीसीसीएल के मुहल्लों की सड़कों की सफाई कराने की मांग की. साथ ही जगजीवन नगर एवं कार्मिक नगर में टूटी हुई सड़कों की मरम्मत कराने की मांग की.
दीपोत्सव आज, 131 वर्षों बाद बन रहा विशेष योग
उपनिषदों की आज्ञा है-‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात ‘अंधकार से प्रकाश की ओर जाइये.’ तो आज दीपावली है. प्रकाश का पर्व दीपावली. भारतीय धार्मिक परंपरा का सबसे प्रसिद्ध त्योहार दीपावली.
विजयी दीपशिखा का असीम उल्लास है-दीपावली. पराजित अमावस्या का उच्छवास है-दीपावली. अंधकार का पलायन है-दीपावली. अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है – दीपावली. अंधकार को मनुष्य ने सदा अपना शत्रु माना है. अंधकार भय उत्पन्न करता है. अंधकार अस्तित्व को विलीन करता है. इसीलिए मनुष्य अपने अस्तित्व की सुरक्षा के लिए प्रकाश का मुखापेक्षी रहा है. प्रकृति में प्रकाश और अंधकार का विधाता ने संतुलन स्थापित किया है.
सुख-समृद्धि की अधिष्ठात्री मां महालक्ष्मी और विघ्न विनाशक भगवान श्रीगणोश की पूजा का खास दिन. दीपावली शब्द ‘दीप’ एवं ‘आवली’ की संधि से बना है. आवली अर्थात पंक्ति. इस प्रकार दीपावली शब्द का अर्थ है-दीपों की पंक्ति. भारतवर्ष में मनाये जानेवाले सभी त्योहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है. इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं.
कुमार राजन सिंह, भौंरा
‘‘आज 11 नंवबर, 2015 (बुधवार) को मनायी जानेवाली दीपावली बहुत ही शुभ फल दिलानेवाली है. दीपावली पर बन रहा विशेष योग सभी की जिंदगी को खुशियों से भर देगा. इसके बाद यह योग आनेवाले 131 वर्षो के बाद 2145 में बनेगा.’’ यह कहना है भौंरा निवासी पंडित निरंजन झा उर्फ नींजू बाबा का.
श्री झा कहते हैं-‘‘131 वर्षो के बाद यह योग गुरु के सिंह राशि में व राहु के कन्या राशि में रहने के कारण बन रहा है. दीपावली की पूजा विशाखा नक्षत्र में होगी, जिसके स्वामी गुरु हैं. गुरु इस समय सिंह राशि में स्थित है. इस कारण भी देश के लिए यह दीपावली महत्वपूर्ण रहेगी. सभी ओर आनंद का माहौल रहेगा. इस दीपावली मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना शुभ फल सुख-समृद्धि, धन-वैभव दिलाने वाली होगी.
धन प्राप्ति को लेकर किये उपायों में सफलता मिलेगी. राहु की अच्छी स्थिति के कारण इस दिन किये तांत्रिक प्रयोग सिद्ध होंगे. इस बार दीपावली पर सौभाग्य, बुधादित्य व धाता योग बन रहा है. ये तीनों योग बहुत ही विशेष हैं. इन योगों में मां महालक्ष्मी की पूजा सभी तरह के सुख प्रदान करनेवाली होगी.’’
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