धनबाद: रीना (काल्पनिक नाम) ने शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता 164 के तहत जो बयान दिया उसका लब्बो-लुआब इस तरह है: साजिद अली वासेपुर का रहने वाला है. हम अपने पिताजी व भाई के साथ न्यू स्टेशन के रेलवे क्वार्टर में रहते थे. साजिद की वहां पर मोबाइल दुकान है. वहीं से वह लाइन मारता था. बगल में बैग की दुकान है. वहां से भी वह लाइन मारता था.
तीन-चार वर्ष पहले वह बोला था कि मैं तुमसे प्यार करता हूं. घर में मेहमान आते थे तो उठाकर ले जाने की बात कहता था. बच्चे को कहता था कि मौसी से प्यार करता हूं.
रांगाटांड़ स्कूल जाने पर वह पीछा करता था. रास्ते में आइ लव यू बोलता था. मैं बोलती कि तुम पागल हो तो वह भाग जाता था. मैंने पापा से कहा कि यहां नहीं पढ़ाई करूंगी. पापा ने गोमो में नाम लिखा दिया. पापा व भाई रेलवे क्वार्टर में रहते थे. वह गोमो तक पीछा करने लगा. बोला कि तुम यहां आ गयी तो क्या हुआ.
पापा व भइया को कटवाकर फेंक दूंगा. हरिहरपुर में मेरी फौज है. मैं कही कि जान दे दूंगी तो आपको अच्छा लगेगा. मैं अपने माता-पिता को दु:खी नहीं देख सकती हूं. मैं अपनी पूरी फैमिली से बहुत प्यार करती हूं. परिवार के बिना जिंदा नहीं रह सकती हूं. घटना के दिन मां-पिताजी बाजार चले गये. भाभी काम में व्यस्त थी, मैं स्टोव में तेल डाल कर हवा भर दी और माचिस लगायी तो शरीर में आग लग गयी. मैं घर से भागने लगी. चाचा आ गये और लोगों ने मुङो अस्पताल में भरती कराया.